अपडेटेड 29 July 2024 at 17:58 IST
'60 साल तक देश को हलवा समझकर ही तो खाया...', संसद में राहुल के दिए बयान पर भड़के प्रमोद कृष्णम
राहुल गांधी का हवला वाला बयान देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। राहुल गांधी के इस बयान पर पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखा कटाक्ष किया है।
- भारत
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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सदन में ऐसा कुछ कह दिया जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में बजट सत्र पर बोल रहे थे और इसी दौरान उन्होंने एक फोटो दिखाने की कोशिश करते हुए कहा कि देश का हलवा बंट रहा है और ये हमला सिर्फ 2-3 फीसदी लोग ही बना रहे हैं और खुद बांटकर खा रहे हैं।
लोकसभा में राहुल गांधी का हवला वाला बयान देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। राहुल गांधी के इस बयान पर पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखा कटाक्ष किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "60 साल तक “देश” को “हलवा” समझ कर ही तो खाया है, इस लिये सारा ध्यान “हलुए” में ही अटका हुआ है।"
राहुल गांधी ने लोकसभा में दिखाई हलवा सेरेमनी की फोटो
राहुल गांधी ने लोकसभा में सोमवार को हलवा सेरेमनी का फोटो दिखा रहे थे। बजट पेश किए जाने से पहले हवला सेरेमनी की परंपरा है, जो बहुत पहले से चली आ रही है। हालांकि राहुल गांधी बजट से पहले की हालिया तस्वीर को दिखाते हुए इसमें ओबीसी और दलित अफसरों को ढूंढने लगे थे, जिससे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी चौंक गईं। उनका रिएक्शन भी कुछ ऐसा ही था और उन्होंने दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ लिया था।
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देश का हवला बंट रहा है- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सदन में फोटो को समझाते हुए कहा कि इसमें बजट का हवला बंट रहा है। तस्वीर में एक भी ओबीसी, आदिवासी या दलित अफसर नहीं दिख रहा है। ये हो क्या रहा है? देश का हवला बंट रहा है और इसमें 73 फीसदी आबादी से आने वाला कोई नहीं है। ये लोग हलवा खा रहे हैं और बाकी देश को हलवा नहीं मिल रहा है।
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20 अफसरों ने देश का बजट तैयार किया- राहुल
उन्होंने कहा कि 20 अफसरों ने देश का बजट तैयार किया है। हिंदुस्तान का जो हलवा है, वो 20 लोगों ने बांटने का काम किया है। 90 प्रतिशत लोगों में से यहां सिर्फ दो हैं, एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी। हलवा सेरेमनी के फोटो में एक भी नहीं हैं। दोनों अफसरों को पीछे कर दिया गया। इसी दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैं चाहता था कि बजट में जातीय जनगणना की बात हो। देश के 95 फीसदी जनता जातीय जनगणना चाहती है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 29 July 2024 at 17:58 IST