अपडेटेड 19 April 2025 at 14:35 IST

क्राउन प्रिंस का न्योता, PM मोदी जाएंगे सऊदी अरब, शेड्यूल तय; कितना अहम है ये दौरा विस्तार से जानिए

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पीएम मोदी को आमंत्रित किया है। इस न्योते पर 22-23 अप्रैल को PM मोदी सऊदी दौरे पर रहेंगे।

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PM Narendra Modi with Saudi Arabia Crown Prince Mohammed bin Salman
पीएम नरेंद्र मोदी और सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान | Image: ANI

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते दो दिवसीय सऊदी अरब के दौरे पर जाने वाले हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया है। क्राउन प्रिंस के न्योते पर पीएम मोदी ने 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब का दौरा तय किया है। प्रधानमंत्री की अपने तीसरे कार्यकाल में सऊदी अरब की पहली यात्रा होगी। इसके पहले वो 2016 और 2019 में दो बार सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं।

भारत और सऊदी अरब के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक और व्यापारिक संपर्कों का लंबा इतिहास है। दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध हैं। रणनीतिक साझेदार के रूप में दोनों देश राजनीतिक, रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों समेत अलग-अलग क्षेत्रों में मजबूत द्विपक्षीय संबंध भी साझा करते हैं। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि पिछले दशक में सऊदी अरब के साथ भारत के संबंध मजबूत और स्थायी साझेदारी के रूप में विकसित हुए हैं। कई रणनीतिक क्षेत्रों में विस्तार हुआ है, जिसमें निवेश प्रतिबद्धताएं बढ़ी हैं, रक्षा सहयोग का विस्तार हुआ है।

पीएम मोदी का दौरा कितने मायने रखता है?

प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय संबंधों को भारत की ओर से दिए जाने वाले महत्व को भी दर्शाता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, ये दौरा बहुआयामी साझेदारी को और गहरा और मजबूत करने के साथ-साथ आपसी हितों के अलग-अलग क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार साझा करने का मौका भी देगा। अहम ये है कि प्रधानमंत्री मोदी की ये यात्रा अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सऊदी अरब की संभावित यात्रा से पहले हो रही है।

भारत और सऊदी अरब के मजबूत रिश्ते

भारत और सऊदी अरब ने 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। 2010 में द्विपक्षीय संबंध को रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया। भारत और सऊदी अरब के बीच नियमित रूप से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान होते रहे हैं। 2024 से अब तक भारत से सऊदी अरब और भारत से सऊदी अरब के बीच 11 मंत्री-स्तरीय दौरे हो चुके हैं। सऊदी पक्ष ने जेद्दा के रास्ते सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी के दौरान भी सहयोग किया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली भारत-जीसीसी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए सितंबर 2024 में रियाद का दौरा किया।

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भारत-सऊदी के बीच व्यापारिक रिश्ते

सऊदी अरब भारत का 5वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सऊदी अरब से भारत का आयात 31.42 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचा और सऊदी अरब को निर्यात 11.56 बिलियन अमरीकी डॉलर का था। 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 42.98 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जिसमें भारतीय निर्यात 11.56 बिलियन अमरीकी डॉलर और आयात 31.42 बिलियन अमरीकी डॉलर था।

भारत से सऊदी अरब को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में इंजीनियरिंग सामान, चावल, पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, वस्त्र, खाद्य उत्पाद, सिरेमिक टाइलें शामिल हैं। जबकि, सऊदी अरब से भारत के लिए आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं कच्चा तेल, एलपीजी, उर्वरक, रसायन, प्लास्टिक और इसके उत्पाद आदि हैं। हाल के सालों में सऊदी अरब में भारतीय निवेश लगभग 3 बिलियन अमरीकी डॉलर (अगस्त 2023) तक बढ़ा है। भारत में कुल सऊदी निवेश लगभग 10 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 19 April 2025 at 14:35 IST