अपडेटेड 2 December 2025 at 20:48 IST

कौन हैं देवव्रत महेश रेखे? 50 दिनों में पूरा किया का 2000 मंत्रों का ‘दण्डकर्म पारायणम्’, PM MODI ने की तारीफ

PM MODI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही एक्स पर पोस्ट किया, उसके बाद लगभग हर कोई जानने में लग गया है कि आखिर यह देवव्रत महेश रेखे कौन हैं और क्यों पीएम ने उनकी तारीफ की। आइए हम भी पीएम मोदी ही शुभकामनाएं और देवव्रत महेश रेखे के बारे में जानते हैं।

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pm modi praises devvrat mahesh rekhe for completing dandakarma parayanam
कौन हैं देवव्रत महेश रेखे? PM MODI ने की तारीफ | Image: X

PM MODI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवव्रत महेश रेखे की उपलब्धि की जमकर तारीफ की है, जो महज 12 साल के हैं। दरअसल, महेश रेखे ने 50 दिनों में 2000 मंत्रों का से युक्त ‘दण्डकर्म पारायणम्' का सम्पूर्ण पाठ पूरा किया है। 200 वर्षों के बाद इस स्तर का पाठ पहली बार संपन्न हुआ है। उनकी इस आध्यात्मिक और साधना पूर्ण उपलब्धि के लिए पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करके शुभकामनाएं और बधाई दी है। 19 साल की उम्र में ऐसा काम कर देवव्रत महेश रेखे ने इतिहास रच दिया है।

PM MODI ने एक्सप पोस्ट में लिखा

PM MODI ने एक्सप पोस्ट में लिखा "19 वर्ष के देवव्रत महेश रेखे जी ने जो उपलब्धि हासिल की है, वो जानकर मन प्रफुल्लित हो गया है। उनकी ये सफलता हमारी आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा बनने वाली है। भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाले हर एक व्यक्ति को ये जानकर अच्छा लगेगा कि श्री देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले 'दण्डकर्म पारायणम्' को 50 दिनों तक बिना किसी अवरोध के पूर्ण किया है। इसमें अनेक वैदिक ऋचाएं और पवित्रतम शब्द उल्लेखित हैं, जिन्हें उन्होंने पूर्ण शुद्धता के साथ उच्चारित किया। ये उपलब्धि हमारी गुरु परंपरा का सबसे उत्तम रूप है। 
काशी से सांसद के रूप में, मुझे इस बात का गर्व है कि उनकी यह अद्भुत साधना इसी पवित्र धरती पर संपन्न हुई। उनके परिवार, संतों, मुनियों, विद्वानों और देशभर की उन सभी संस्थाओं को मेरा प्रणाम, जिन्होंने इस तपस्या में उन्हें सहयोग दिया।"

कौन हैं देवव्रत महेश रेखे?

देवव्रत महेश रेखे महाराष्ट्र के अहिल्या नगर के रहने वाले हैं। फिलहाल वो सांगवाद विश्वविद्यालय वाराणसी के छात्र हैं। कहा जाता है कि  'दण्डकर्म पारायणम्' की परीक्षा बहुत कठिन मानी जाती है। खबरों के अनुसार दुनिया में अभी तक तीन ही बार दण्डकर्म पारायणम् हुआ है। कहा जाता है कि 200 साल पहले महाराष्ट्र में ही एक व्यक्ति ने इसका पाठ किया था।

क्या है दण्डकर्म पारायणम्?

दण्डकर्म पारायणम् के बारे में कहा जाता है कि यह शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनी शाखा के लगभग 2,000 मंत्रों की पढ़ाई है। इसे सबसे मुश्किल माना जाता है। इनके मंत्रों को याद रखना उससे और उच्चारण करना और भी कठिन माना जाता है। दंडक्रम को वैदिक पाठ का सबसे खास रत्न माना जाता है।
 

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 2 December 2025 at 20:48 IST