अपडेटेड 10 July 2024 at 20:13 IST

'मोदी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री...',PM को रूस का सर्वोच्च सम्मान मिलने पर क्या बोले सुधांशु त्रिवेदी?

Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस का सर्वोच्च सम्मान मिला है।

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Sudhanshu Trivedi
Sudhanshu Trivedi | Image: R Bharat

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' (Order of St. Andrew the Apostle) से सम्मानित किया गया है। इसको लेकर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने बयान जारी किया है।

आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया।

क्या बोले सुधांशु त्रिवेदी?

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- 'प्रधानमंत्री मोदी को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है। उन्होंने स्वयं कहा है ये 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान है। पीएम मोदी, पहली बार भारत के ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिन्हें फ्रांस, एजिप्ट, भूटान, यूएई, सऊदी अरब, फिलिस्तीन जैसे अनेक राष्ट्रों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के साथ आज रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है। ये भारतीयों के लिए और गर्व का विषय हो जाता है।'

उन्होंने आगे कहा- 'प्रधानमंत्री मोदी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें दो बार अमेरिकी संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित करने का अवसर मिला है। रूस जो उनका (अमेरिका) धुरविरोधी माना जाता है, वो सर्वोच्च नागरिक सम्मान देता है। भारत का विश्व में पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रतिष्ठा, गरिमा, सम्मान स्थापित हुआ है, ये उसी का प्रमाण है। बढ़ रहे हैं हम प्रगति की ओर उस रफ्तार से, कर रहा है विश्व भी हमको नमन उस पार से।'

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क्या है 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल'?

द ऑर्डर की स्थापना 1698 में जार पीटर द ग्रेट द्वारा यीशु के पहले प्रेरित और रूस के संरक्षक संत सेंट एंड्रयू के सम्मान में की गई थी। यह एक ही वर्ग में प्रदान किया जाता था और केवल सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए प्रदान किया जाता था। यह समारोह ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू के भव्य हॉल में आयोजित हुआ। इसका उपयोग सदियों से रूस में औपचारिक आयोजनों के लिए किया जाता रहा है। जारिस्ट युग के दौरान इसमें मौजूदा राजा का सिंहासन था। हाल ही में इसका उपयोग रूसी राष्ट्रपति के उद्घाटन समारोह के आयोजन के लिए किया गया है। इन ऐतिहासिक दीवारों के भीतर किसी अन्य देश के नेता को पुरस्कार देना वास्तव में एक बड़ा सम्मान है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 9 July 2024 at 23:32 IST