अपडेटेड 19 October 2024 at 23:35 IST
PM मोदी ने कौन सा मास्टर स्ट्रोक चला? मुइज्जू ने चीन को तरेरी आंखे, अहम प्रोजेक्ट छीन भारत को थमाया
हाल ही भारत दौरे पर आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू न केवल भारत के साथ दोस्ती गहरी करने के बात करते दिखे बल्कि उन्होंने चीन को भी झटका दे दिया। India-Ma
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India-Maldives Relation: चीन के साथ नजदीकियों को लेकर चर्चाओं रहने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammad Muizzu) काफी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि भारत और मालदीव के रिश्ते एक बार फिर पटरी पर लौट आए हैं। हाल ही भारत दौरे पर आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू न केवल भारत के साथ दोस्ती गहरी करने के बात करते दिखे बल्कि उन्होंने चीन को भी झटका दे दिया। मुइज्जू ने मालदीव में चीनी कंपनी से लामू गाथू ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट (Lamu Gathu Transshipment Port Project) पर किया गया करार खत्म कर उसे भारत को सौंप दिया है।
मालदीव में लामू गाथू ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट का काम पूरा करने का कॉन्ट्रेक्ट चीनी कंपनी को दिया गया था जिसके लेकर चीनी कंपनी और मालदीव सरकार के बीच एक समझौता भी हुआ था। समझौते के बावजूद भी प्रोजेक्ट को लेकर चीन की कंपनी का रवैया ढुलमुल ही देखने को मिला और प्रोजेक्ट की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने काम की धीमी रफ्तार के लेकर नाराजगी जताते हुए चीनी कंपनी से किया गया करार तोड़ दिया।
लामू गाथू ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट पर चीनी कंपनी से करार तोड़ने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसे भारत के साथ मिलकर प्रोजेक्ट पर काम करने का प्लान तैयार किया है।
भारत में गर्मजोशी से हुआ मोहम्मद मुइज्जू का स्वागत
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भारत दौरे पर पहुंचे मोहम्मद मुइज्जू का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई। मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मुझे राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुइज्जू का भारत में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। हमारी बातचीत के दौरान, हमने आर्थिक संबंधों, कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक जुड़ाव और जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कृषि, मत्स्य पालन और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की।
पीएम मोदी के मास्टर स्ट्रोक से घुटनों पर आया मालदीव
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार के मंत्रियों की भारत को लेकर की गई टिप्पणीयों से दोनों देशों के बीच आई तल्खी के बीच पीएम मोदी ने मास्टर स्ट्रोक चलते हुए लक्षद्वीप के खूबसूरत तटों किनारे से अपनी तस्वीरें साझा कर पूरे मालदीव में खलबली मचा दी। पीएम मोदी की लक्षद्वीप की तस्वीरें सामने आने के बाद भारतीय पर्यटकों ने मालदीव जाने का प्लान कैंसिल करना शुरु कर दिया, जिसका सीधा असर मालदीव की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिला। इस साल की शुरुआत में मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट आई। जिसके बाद मुइज्जू को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ा।
भारत को लेकर कैसा रहा है मोहम्मद मुइज्जू का इतिहास?
मोहम्मद मुइज्जू ने शुरू से ही 'भारत विरोधी' बयानबाजियां के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने 'भारत आउट' की तर्ज पर चुनावी अभियान भी चलाया था। यहां तक कि देश से भारतीय सैनिकों को हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य एजेंडा था। सत्ता में आने के बाद से उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जो भारत-मालदीव संबंधों के दृष्टिकोण से अपरंपरागत थे। यहां तक कि अपने मुल्क से भारतीय सैनिकों को भी वापस लौटा दिया था। भारतीय सैनिकों की वापसी इस साल मई में पूरी हुई। उसके अलावा उन्होंने अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत ना जाकर एक लंबी परंपरा को तोड़ दिया और इसके बजाय तुर्की और उसके बाद चीन गए।
नई दिल्ली और माले के बीच विवाद तब और बढ़ा, जब मालदीव के तीन उप-मंत्रियों ने लक्षद्वीप की यात्रा से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसका भारत में जमकर विरोध हुआ। अंदाजा लगा सकते हैं कि इस साल की शुरुआत में मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट आई।
लौट के मुइज्जू भारत आए
भारत के कड़े रूख के बाद जब मालदीव की हालत मुइज्जू ने देखी तो उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आने के बाद सुलह का रुख अपनाया था। पिछले महीने राष्ट्रपति मुइज्जू ने लगातार तीसरी बार पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था। उन्होंने एक बयान में ये भी कहा था कि भारत मालदीव का 'सबसे करीबी सहयोगी' बना रहेगा और इस बात पर जोर दिया कि इस बारे में कोई सवाल ही नहीं है।
पिछले दिनों ही मालदीव ने भारत की तरफ से गिफ्ट में दिए गए डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी फिर से शुरू कर दिया, जिनका संचालन पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति मुइज्जू के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद बंद कर दिया गया था। खैर, दोबारा विमानों का इस्तेमाल करते हुए मोहम्मद मुइज्जू ने चिकित्सा निकासी सेवाओं को शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए भारत को धन्यवाद भी दिया।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 19 October 2024 at 23:35 IST