Published 17:22 IST, October 19th 2024
भारत पर हो इजरायल जैसा ताबड़तोड़ मिसाइल हमला, तो कैसे होगी सुरक्षा? कैसा है हमारा एयर डिफेंस सिस्टम
इजरायल पर जब भी हवाई हमला होता है, उसका एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम एक्टिव हो जाता है। भारत पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हुआ तो, हमारी सुरक्षा कैसी होगी?
Indian Air Defence System: इजरायल और लेबनान की जंग अब नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गई है। शनिवार को इजरायल सरकार ने बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास को निशाना बनाकर एक ड्रोन से हमला किया गया, हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। लेबनान की ओर से गोलाबारी के बाद शनिवार सुबह सायरन बज उठा और इसके साथ ही प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सैसरिया स्थित आवास की ओर ड्रोन से हमला किया गया।
प्रधानमंत्री आवास पर जिस समय यह हमला किया गया तब न तो नेतन्याहू और न ही उनकी पत्नी वहां मौजूद थे। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। इजरायल पर यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब हाल के सप्ताह में लेबनान के हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच जारी संघर्ष तेज हो गया है। लेबनान के चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है। इजरायल पर जब भी इस तरह का हवाई हमला होता है, तो उसका एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम एक्टिव हो जाता है। जो छोटी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला एक एयर डिफेंस सिस्टम है। लेकिन अगर भारत पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हुआ तो, हमारी सुरक्षा कैसी होगी?
भारत का एयर डिफेंस सिस्टम
भारत को अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन से लगातार खतरा बना रहता है। पिछले कुछ सालों में भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को बेहद मजबूत किया है। भारत में एयर डिफेंस सिस्टम 4 स्तर पर काम करते हैं।
- लॉन्ग रेंज- इंडियन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम
- इंटरमीडिएट- S-400 ट्रिम्फ एयर डिफेंस सिस्टम
- शॉर्ट रेंज- आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
- वेरी शॉर्ट रेंज- मैनपैड्स और एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (BMDS) एक सैन्य रक्षा प्रणाली है। जिसे बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए तैयार किया गया है। इससे 5 हजार किलोमीटर या उससे ज्यादा दूरी से आने वाली मिसाइलों को हवा में ही मारकर देश की रक्षा की जा सकती है। भारत का यह डिफेंस सिस्टम दो लेयर्स में काम करता है। एक पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD), जिसकी मिसाइलें बेहद अधिक ऊंचाई पर जाकर टारगेट को मार सकती हैं। PAD की रेंज 300 से 2000 किलोमीटर है। ये धरती से 80 किलोमीटर ऊपर ही अपने टारगेट को निशाना बनाकर मार सकता है। इसमें पृथ्वी सीरीज की मिसाइलें शामिल हैं।
दूसरा एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD), ये कम ऊंचाई वाले टारगेट्स को मार गिराने में सक्षम है। भारत की सेना अलग-अलग चरणों में दुश्मन की मिसाइलों को एंगेज कर सकती है। इसकी मिसाइलें 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक टारगेट को निशाना बनाकर मार सकती है। इनकी ऑपरेशनल रेंज 150 से 200 किलोमीटर है।
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम
भारत ने इस हवाई रक्षा प्रणाली को रूस से खरीदा है। यह एक बार में एक साथ 72 मिसाइल छोड़कर मल्टी टार्गेट इंगेजमेंट करने में सक्षम है। इसमें एडवांस रडार सिस्टम लगा है। जिसकी मदद से मिसाइल, ड्रोन, हाइपरसोनिक वाहन और विमान को भी नष्ट किया जा सकता है। इसकी खास बात ये है कि इसे कहीं भी लाना-ले जाना बेहद आसान है क्योंकि इसे 8X8 के ट्रक पर माउंट किया जा सकता है। पोजीशन फिक्स नहीं होने के कारण डिटेक्ट करना दुश्मन के लिए बहुत मुश्किल है। यह डिफेंस सिस्टम माइनस 50 से माइनस 70 डिग्री तक के तापमान में भी काम करने में सक्षम है।
S-400 की तीन यूनिट भारत को डिलीवर हो चुकी है। रूस के साथ 2018 में हुए 35000 करोड़ रुपये के इस रक्षा सौदे में पांच रेजिमेंट की डील शामिल है। S-400 की एक रेजीमेंट में 16 गाड़ियां होती हैं। भारत के पास फिलहाल इसकी 3 यूनिट है और दो यूनिट अगले साल तक मिल सकती हैं। S-400 दुश्मन के हमले को 500 किलोमीटर पहले ही ट्रैक कर सकता है और रेंज में आते तबाह कर देगा। इसके रेंज 40, 100, 200, और 400 किलोमीटर तक है। ये सिस्टम भारत, चीन, तुर्की, सऊदी अरब और कतर के पास है।
शॉर्ट रेंज इंटरसेप्शन
इस शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम में पेचोरा, आकाश, स्पाइडर, LRSAM, QRSAM जैसै मिसाइस सिस्टम आते हैं। पेचोरा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। भारत ने इसे अलग-अलग सीमाओं पर तैनात किया हुआ है। हमारे पास इसके 30 स्क्वॉड्रन्स हैं। इसके 12 वैरिएंट्स का इस्तेमाल दुनियाभर के 31 देश करते हैं। 953 किलो वजनी इस मिसाइल की ऑपरेशनल रेंज 3.5 से 35 किलोमीटर तक है, जो अधिकतम 59 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है। पेचोरा का राडार 32 से 250 किलोमीटर तक दुश्मन पर नजर रख सकता है और कम ऊंचाई पर उड़ते हुए टारगेट को निशाना बना सकती है।
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
आकाश मिसाइल सिस्टम अलग-अलग टारगेट्स को ध्वस्त करने में सक्षम है। इसकी एक सिंगल यूनिट में चार मिसाइलें होती है। भारत के पास इसके 3 वैरिएंट हैं।
- आकाश एमके - रेंज 30 किलोमीटर
- एमके 2 - रेंज 40 किलोमीटर
- एनजी - रेंज 80KM किलोमीटर
स्पाइडर (SpyDer)
भारत के पास स्पाइडर के शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज दो वैरिएंट्स हैं। इसकी स्पीड इतनी है की राडार को भी चकमा दे सकती है। सीमा के आसपास तैनात कर दिया जाए तो दुश्मन का कोई भी हवाई हमला बेकार कर सकता है। ये हल्का, घातक और सटीक है हथियार है। इसकी मिसाइल एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, ड्रोन्स यहां तक की प्रेसिशन गाइडेड मिसाइलों को भी मार सकती है। खास बात ये है कि इसकी मिसाइलें 360 डिग्री में घूमकर फायरिंग करने में सक्षम हैं।
LRSAM मिसाइल सिस्टम
LRSAM मिसाइल सिस्टम स्वदेशी सरफेस-टू-एयर मिसाइल है, जिसकी रेंज 400 किलोमीटर तक है। यह दुश्मन के हवाई जहाज, फाइटर जेट, रॉकेट, हेलिकॉप्टर या मिसाइल को मार गिराने के लिए 350 से 400 किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इसकी तुलना इजरायल के आयरन डोम से होती है। भारत के पास फिलहाल इसकी 70 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल है। इसकी मिसाइल 16 किलोमीटर की ऊंचाई तक निशाना लगा सकती है और पीछे धुआं भी नहीं निकलता।
MRSAM एयर डिफेंस सिस्टम
भारतीय सेना के लिए विकसित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो विमान, हेलिकॉप्टर, सबसोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को मारने में सक्षम है। एक बार लॉन्च होने के बाद यह आसमान में 16 किलोमीटर तक अपने टारगेट को गिरा सकती है।
Updated 17:22 IST, October 19th 2024