अपडेटेड 28 June 2025 at 22:39 IST
Axiom-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री और भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने भारतीय एस्ट्रोनॉट तो तीन होमवर्क दे दिया है। पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान शुभांशु शुक्ला से इन कामों के लिए मदद मांगी।
पीएम मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री से कहा, "हमें गगनयान मिशन को आगे बढ़ाना है और अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है। चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे अभियान के लिए आपका अनुभव हमारे काम आएगा। मुझे भरोसा है कि वहां पर आप जो अनुभव कर रहे हैं, उसे रिकॉर्ड जरूर कर रहे होंगे।"
पीएम मोदी ने भारतीय एस्ट्रोनॉट से सवाल पूछा कि क्या ऐसा कोई एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में हेल्थ या फिर एग्रीकल्चर सेक्टर को फायदा होगा? इसपर शुभांशु शुक्ला ने कहा कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट डिजाइन किए हैं, जिन्हें मैं अपने साथ स्पेस स्टेशन पर लेकर आया हूं, मैं जो पहला एक्सपेरिमेंट करने वाला हूं वो स्टेम सेल्स पर ऊपर बेस्ड है. दरअसल, अंतरिक्ष में आने पर ग्रैविट खत्म हो जाती है तो मसल लॉस होता है, मैं इस पर एक्सपेरिमेंट कर रहा हूं कि क्यो कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है, जिन लोगों का बुढ़ापे में मसल लॉस होता है, उन पर ये सप्लीमेंट यूज किए जा सकते हैं।
शुभांशु शुक्ला ने कहा कि इस मिशन के लिए ट्रेनिंग के दौरान मुझे जो सीख मिली, उसे स्पॉन्ज की तरफ एब्जॉर्ब कर रहा हूं। यकीन है कि जब मैं वापस आऊंगा तो देश के लिए ये बहुत अहम होगा। हम अपने मिशन में इन अनुभवों को अप्लाई कर जल्द से जल्द कई मिशनों को पूरा कर सकेंगे। मैं अपनी लर्निंग अपने देश के मिशन में लगाउंगा।
ISRO की तरफ से साझा जानकारी में लिखा गया, "पहले भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला को 26 जून, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में स्वागत किया गया। आज वह ऐतिहासिक दिन है जब उन्होंने भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से बातचीत की। प्रधानमंत्री की यह बातचीत भारत के 140 करोड़ नागरिकों को प्रेरित और प्रोत्साहित करती है। इस आईएसएस मिशन के परिणाम भारतीय गगनयान कार्यक्रम के लिए योगदान देंगे।"
पब्लिश्ड 28 June 2025 at 22:39 IST