अपडेटेड 26 July 2024 at 09:43 IST
अब चीन की छाती पर चढ़कर इंडियन आर्मी करेगी तांडव, PM Modi करने जा रहे 'टनल विस्फोट', जानिए खासियत
पीएम मोदी शुक्रवार को दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग का शिलान्यास करेंगे। पीएम नीमू-पदम-दारचा एक्सिस पर बनने वाली शिंकुन ला टनल की वर्चुअल तरीके से शुरुआत करेंगे।
- भारत
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करगिल विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी आज द्रास दौरे पर रहेंगे। पीएम यहां युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी आज 26 जुलाई को दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग का शिलान्यास भी करेंगे। यह टनल खासकर सेना के लिए बनाया गया है। इसके निर्माण हो जाने से लेह अब हर मौसम में संपर्क से जुड़ा रहेगा। वहीं, ये टनल चीन के लिए खलबली मचा देगा।
पीएम मोदी शुक्रवार को दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग का शिलान्यास करेंगे। पीएम नीमू-पदम-दारचा एक्सिस पर बनने वाली शिंकुन ला टनल की वर्चुअल तरीके से शुरुआत करेंगे। पीएम एक ऐसे टनल की नींव रखने जा रहे हैं जिससे चीन में भी खलबली मच जाएगी। लद्दाख में बनने वाला शिंकुन ला टनल कई मायनों में बेहद खास है। ये टनल सेना को हर मौसम में एलएसी पर एक्सेस देगा। साथ ही चीन के किसी भी नापाक हरकत को सेना अब आसानी से मुंहतोड़ जवाब देगी।
शिंकुन ला टनल दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग
इस टनल के निर्माण कार्य पूरा हो जाने से लद्दाख में सालों भर सुचारू रूप से आवाजाही हो सकेगी। जिससे सेना को हथियार, गोला बारूद और उनके गाड़ियां आराम से आ जा सकेगी। यह परियोजना 4.1 किमी लंबी है। इसका निर्माण निमू-पदुम-दरचा रोड पर करीब 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाना है। प्रोजक्ट पूरा होने पर यह भारत ही नहीं दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।
शिंकुन ला टनल की खासियत
यह ट्विन-ट्यूब टनल है। इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निम्मू-पदम दारचा सड़क पर किया जा रहा है। इसके निर्माण हो जाने से लद्धाख जाने के लिए सेना को करीब 100 की दूरी कम तय करनी पड़ेगी। भारत खराब मौसम और भू-भाग की स्थितियों के बावजूद चीन के साथ लगे सीमाओं पर सुरंगों निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। गलवन में साल 2019 में चीनी सेना के साथ हुए झड़प के बाद से चीन से सटे बॉर्डर वाले इलाके में सेना और सैन्य इक्विपमेंट की सुचारु सप्लाई और किसी भी मौसम में देश के दुश्मनों से निपटने के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है।
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चीन की बढ़ी खलबली
शिंकुन ला टनल में हर 500 मीटर पर क्रॉस रोड होगा। सुरंग की विशेषताओं पर सुपरवाइजरी कंट्रोल और डेटा अधिग्रहण प्रणाली, मैकेनिकल वेंटिलेशन, फायर ब्रिगेड और कम्युनिकेशन सिस्टम्स शामिल हैं। बता दें कि हाल ही में भारत ने चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारिद्वार-तवांग मार्ग पर 13 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर 825 करोड़ रुपये की लागत से सेला सुरंग बनाया था। मगर भारत अब दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग का निर्माण कर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 26 July 2024 at 09:19 IST