अपडेटेड 21 August 2025 at 07:47 IST
Archana Tiwari Case: टीशर्ट, लोअर और सिर पर दुपट्टा...13 दिनों से लापता अर्चना तिवारी की तस्वीर आई सामने, पुलिस ने परिजनों को सौंपा
करीब 13 दिनों से लापता चल रही अर्चना तिवारी को पुलिस ने ढूंढकर परिजनों के हवाले कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं।
- भारत
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Archana Tiwari Case: मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली करीब 13 दिनों से लापता चल रही अर्चना तिवारी को पुलिस ने ढूंढ निकाला है। इसके बाद जीआरपी ने अर्चना को उसके परिजनों को सौंप दिया।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, GRP ने भोपाल लाकर कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अर्चना तिवारी को उसके परिजनों के हवाले कर दिया। कहा जा रहा है कि मीडिया से बचाने के लिए अर्चना को भोपाल के बाहरी इलाके 11 मील तक ले जाया गया। इसके बाद यहां गुपचुप तरीके से उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया। इस मामले को लेकर परिजनों ने किसी तरह की आधिकारिक बयानबाजी नहीं की।
नेपाल बॉर्डर के पास से मिली अर्चना- पुलिस
वहीं जीआरपी पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने अर्चना तिवारी के लापता होने के पीछे की वजह का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि लड़की के परिजन उस पर शादी का दबाव बना रहे थे। यहां तक की उसकी शादी भी तय कर दी थी। इसी के बाद उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर भागने का प्लान बनाया।
GRP पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने जानकारी देते हुए बताया, '7 और 8 अगस्त की दरमियानी रात इंदौर-बिलासपुर ट्रेन से अर्चना तिवारी नाम की लड़की लापता हो गई थी। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से ही हम उसकी तलाश कर रहे थे। इसके बावजूद उसे खोज निकालने में 10 से 12 दिन का समय लग गया। आज आखिरकार लड़की नेपाल बॉर्डर के पास मिल गई है।'
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क्यों लापता हुई थी अर्चना तिवारी?
उन्होंने आगे बताते हुए कहा, 'अर्चना तिवारी कटनी की रहने वाली है। वहां से उसने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया हुआ है। वो वहां की छात्रा नेता भी रही है। उसने जबलपुर में वकालत की प्रैक्टिस की। इसके बाद से वो इंदौर में पिछले एक साल से वकालत कर रही थी। इसी दौरान उसके घरवाले उसे शादी कराना चाहते थे। लेकिन वो अभी शादी नहीं करना चाहती थी। जनवरी में इंदौर में उसकी दोस्ती सारांश जोगचंद से हुई थी।'
दोस्तों की मदद से बनाया भागने का प्लान
जीआरपी पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया, 'घटना से पहले अर्चना के घरवालों ने एक पटवारी लड़के से उसका रिश्ता तय कर दिया था। इसे लेकर परिवार के साथ उसकी लंबी कहासुनी हुई। परिवार वालों ने कहा कि पढ़ाई छोड़कर वापस आ जाओ और शादी के बाद ससुराल जाना ही है। परिजनों की इन बातों से परेशान होकर उसने अपने दोस्त सारांश से बात की। फिर तेजिंदर सिंह, सारांश और इस लड़की ने हरदा में बात की कि कैसे भाग जाना चाहिए। उनकी योजना एक नई पहचान के साथ फिर से जिंदगी शुरू करने की थी। सारांश और अर्चना के ट्रेन से भागने के लगभग एक घंटे बाद, तेजिंदर को दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई क्योंकि उस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज था। लड़की ने अपना सारा सामान ट्रेन की सीट पर छोड़ दिया था ताकि हमें लगे कि वो भागी नहीं बल्कि कहीं गिर गई है। जब मामला तूल पकड़ने लगा तो इन लोगों ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया।'
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क्या है पूरा मामला?
बार-बार शादी के लिए दबाव डाले जाने से परेशान अर्चना तिवारी 7 अगस्त को इंदौर से कटनी के लिए रवाना हुई। इसके बाद उसने तय किया कि जब तक वो सिविल जज नहीं बन जाती, तब तक न ही वो घर जाएगी और न ही शादी करेगी। इसी के बाद उसने पूरी प्लानिंग को अंजाम दिया।
अर्चना ने इटारसी पहुंचने से पहले अपने एक क्लाइंट तेजेंद्र सिंह से संपर्क किया। इसके बाद उसने अपने दोस्त सारांश को भी वहीं बुलाया। उन्होंने जहां सीसीटीवी न हो वहां उतरने की प्लानिंग की। इसके बाद तेजेंद्र इटारसी में उसे सारांश के पास छोड़कर रुका। सारांश की कार से अर्चना पहले शुजालपुर पहुंची, फिर इंदौर के लिए निकली। परिवार के इंदौर पहुंचने के संदेह के चलते वो हैदराबाद चली गई। यहां 2-3 दिन तक रुकने के बाद वो 11 अगस्त को दिल्ली पहुंची। इसके बाद टैक्सी से नेपाल के धनगढ़ी गई और फिर वहां से काठमांडू पहुंची।
सारांश ने काठमांडू में अर्चना के एक होटल में रुकने का बंदोबस्त किसी परिचित के जरिये किया। साथ ही उसे नेपाल की सिम दिलाई। वह व्हाट्सएप के जरिये सारांश से संपर्क में थी। इसके बाद पुलिस सारांश के जरिये अर्चना तक पहुंची।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 21 August 2025 at 07:44 IST