अपडेटेड 1 August 2025 at 20:34 IST
Malegaon Blast: पिस्टल, पैसा, 'पाप'...मोहन भागवत को उठाने के लिए परमबीर सिंह ने की थी सीक्रेट प्लानिंग, पूर्व ATS अफसर ने सुनाई पूरी कहानी
मालेगांव ब्लास्ट की जांच करने वाली ATS टीम का हिस्सा रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी महबूब मुजावर ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उस समय ATS में उनके सीनियर रहे परमबीर सिंह ने पैसा, पिस्टल और टीम देकर 'पाप' करने को कहा था।
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Malegaon Blast: मालेगांव ब्लास्ट की जांच करने वाली ATS टीम का हिस्सा रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी महबूब मुजावर ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उस समय ATS में उनके सीनियर रहे परमबीर सिंह ने पैसा, पिस्टल और टीम देकर 'पाप' करने को कहा था। महबूब मुजावर ने बताया कि ऐसे काम करने को कहा गया, जिनका मालेगांव कांड से कोई वास्ता ही नहीं था। ऐसे ही कामों में से एक था- तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नए-नए सरसंघचालक बने मोहन भागवत को गिरफ्तार करना।
एनआईए कोर्ट की तरफ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को बरी करने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेवानिवृत्त निरीक्षक महबूब मुजावर ने कहा कि भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश का उद्देश्य ‘भगवा आतंकवाद’ को स्थापित करना था। उन्होंने यह भी बताया कि देश में 'भगवा आतंकवाद' के कॉन्सेप्ट को सिद्ध करने के लिए उन पर गलत जांच करने का दबाव बनाया गया था। मुजावर ने कहा कि मैंने इसका विरोध किया क्योंकि मैं गलत काम करना नहीं चाहता था। लेकिन मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए और मुझे जेल भेज दिया गया।
मारे गए लोगों को जिंदा बताने का दबाव, नहीं माना तो करियर कर दिया बर्बाद
मुजावर ने कहा कि उन्होंने मुझ पर दबाव बनाया कि मैं मारे गए लोगों को चार्जशीट में जिंदा बताऊं। आपको बता दें कि 29 सितंबर 2008 को हुए मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई थी। जब मैंने इससे इनकार किया तो उस समय के आईपीएस अधिकारी परमवीर सिंह ने मुझे झूठे मामले में फंसा दिया। मुजावर ने कहा कि दरअसल, उन्होंने उनका पालन नहीं किया क्योंकि उन्हें हकीकत पता थी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।’’
इन लोगों को उठाने के लिए परमबीर सिंह ने दिया आदेश
1- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
2- राम कलसांगरा
3- संदीप डांगे
4- दिलीप पाटीदार
आरोपियों को पहले ही उतारा मौते के घाट: महबूब मुजावर
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मुजावर ने इस बात के तथ्य अदालत में पेश किए हैं कि जिन दो आरोपितों रामजी कालसंगरा एवं संदीप डांगे को एटीएस भगोड़ा बताकर ढूंढने का नाटक करती रही, उन्हें तो पुलिस पहले ही मार चुकी थी। इसके अलावा एक तीसरे व्यक्ति दिलीप पाटीदार को भी पुलिस खत्म कर चुकी है, जिसे कभी इस मामले में आरोपित बनाया ही नहीं गया।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 1 August 2025 at 20:34 IST