अपडेटेड 8 December 2025 at 07:30 IST
Parliament Winter Session 2025: वंदे मातरम के 150 साल...आज लोकसभा में होगी 10 घंटे चर्चा, PM मोदी करेंगे शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष बहस की शुरुआत करेंगे। इस बहस के जरिए इस राष्ट्रीय गीत के इतिहास, सांस्कृतिक महत्व और आज के संदर्भ में उसके महत्व पर गहन चर्चा होगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष बहस की शुरुआत करेंगे। इस बहस के जरिए इस राष्ट्रीय गीत के इतिहास, सांस्कृतिक महत्व और आज के संदर्भ में उसके महत्व पर गहन चर्चा होगी। लोकसभा में इस बहस के लिए कुल 10 घंटे आरक्षित किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी इसके पहले वक्ता होंगे, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस चर्चा में दूसरा भाषण देंगे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी सहित अन्य सांसद भी इसमें हिस्सा लेने की संभावना है।
राज्यसभा में मंगलवार को ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि स्वास्थ्य मंत्री और राज्यसभा नेता जेपी नड्डा दूसरे वक्ता होंगे। दोनों सदनों में यह बहस ‘वंदे मातरम्’ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेगी, जो भारतीय देशभक्ति की पहचान बन चुकी है।
1950 में मिला राष्ट्रीय गीत का दर्जा
‘वंदे मातरम्’ की रचना 1870 के दशक में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा संस्कृत के छंदों से युक्त बंगाली भाषा में की गई थी। यह गीत उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ का एक अंश है, जिसकी पहली बार 1882 में प्रकाशित हुई थी। जदुनाथ भट्टाचार्य ने इसका संगीतबद्धकरण किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत लाखों लोगों को प्रेरित करता रहा और 1950 में भारत के संविधान के बनने के समय इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा मिला।
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केंद्र सरकार ने इस अवसर पर 150वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किए। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वंदे मातरम्’ को स्वतंत्रता संग्राम की एक अमर धरोहर बताते हुए इसे राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने वाला गीत कहा।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस बहस के दौरान सांसदों को संगठित होकर अतीत की राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता और विकास की भावना को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए थी, तो आज सामाजिक और सांस्कृतिक आज़ादी की लड़ाई है। वे उम्मीद जताते हैं कि सभी दल स्वयं को देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध दिखाएंगे और इस ऐतिहासिक बहस को सकारात्मक रूप देंगे।
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इस बहस में राजनीतिक मतभेदों के कारण हंगामे की संभावना बनी हुई है, खासकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस पर ‘वंदे मातरम्’ के कुछ छंद हटाने का आरोप लगाए जाने के बाद। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बीच में हुई बैठक में दोनों पक्षों ने जागरूक और संयमित बहस का समर्थन किया है, जिससे संसद में सुव्यवस्थित चर्चा की उम्मीद है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 8 December 2025 at 07:30 IST