अपडेटेड 4 July 2025 at 08:49 IST
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास जैसलमेर जिले के साधेवाला इलाके में एक पाकिस्तानी जोड़े की मौत हो गई थी। अधिकारियों के अनुसार, जोड़े ने रेगिस्तान के रास्ते अवैध तरीके से भारत में एंट्री करने की कोशिश की थी। उनके पास से पाकिस्तानी सिम मिला था। अब दोनों की पहचान हो चुकी है और जो कहानी सामने आई है वो रूला देने वाली है। युवक की पहचान रवि और लड़की की शिनाख्त शांति के रूप में हुई है। दोनों 4 माह पहले ही शादी के बंधन में बंधे थे। शादी के बाद शांति ने भारत आकर अपने रिश्तेदारों से मिलने की इच्छा जताई थी। रवि ने भी शांति से वादा किया था कि वो उसे भारत जरूर ले जाएगा। लेकिन इसी बीच पहलगाम आतंकी हमला हो गया और पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने पर रोक लगा दी गई।
वैसे तो रवि और शांति की शादी अरेंज थी लेकिन मोहब्बत बेइंतहा। और बेपनाह मोहब्बत में किए गए वादे कागजी मुहरों को कहां मानते। लिहाजा रवि को शांति के साथ भारत आना ही था। इसलिए उसने सरहद पर तार के नीचे से निकलने का प्लान बनाया। उसका मकसद रेगिस्तानी रास्ते से जैसलमेर होते हुए राजस्थान के भील पहुंचना था। 21 जून को रवि और शांति एक मोटरसाइकिल पर निकले। उनके पास था कुछ कपड़ों से भरा बैग, दो पांच लीटर के पानी के कनस्तर और एक नक्शा। दोनों ने रास्ते में नूरपुरी की नूर फकीर दरगाह पर हाजिरी दी और फिर रेगिस्तान का रास्ता पकड़ा। जैसे ही रेत का इलाका शुरू हुआ, उन्होंने बाइक और बैग वहीं छोड़ दिए और पैदल भारतीय सरहद की ओर बढ़ने लगे।
रेत ने दे दिया धोखा, प्यास से तड़पकर दोनों की हुई मौत
रेगिस्तान का नक्शा, जिसकी मदद से वो रास्ता तय कर रहे थे, रेत की बदलती शक्ल के आगे बेकार साबित हुआ। रेत ने अपने रंग बदले और दोनों रास्ता भटक गए। पांच लीटर के कनस्तर की हर बूंद कीमती थी, लेकिन वह भी खत्म हो गया। 50 डिग्री तापमान, सिर पर जलता सूरज, नीचे तपता रेगिस्तान और चारों तरफ सिर्फ सन्नाटा। वे भारत की सीमा के करीब 35 किलोमीटर अंदर तक पैदल चले, लेकिन पानी और दिशा दोनों ने साथ छोड़ दिया। आखिरी में, दोनों ने प्यास से तड़पते हुए दम तोड़ दिया। उनके पास जो आखिरी चीज मिली, वो था एक खाली जरिकन और एक-दूसरे की देह के करीब पड़ी दो जानें।
रिश्तेदारों के पास पहुंची दोनों की लाशें, रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार
जब जैसलमेर पुलिस और बीएसएफ ने जांच की, तो उनके पास से पाकिस्तानी सिम वाला एक सैमसंग मोबाइल और दो आईडी कार्ड मिले। नाम रवि कुमार और शांति। यही दस्तावेज इस प्रेम कहानी के आखिरी गवाह बने। रिश्तेदारों से संपर्क हुआ, जिन्होंने दोनों की पहचान की और उनके पार्थिव शरीर को भील जिले में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। 1 जुलाई को, राजस्थान के भील में इन दोनों प्रेमियों का हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच बटी हुई सरहद को उन्होंने मोहब्बत के नाम पर पार करने की कोशिश की, लेकिन मंजिल तक पहुंचने से पहले ही रेगिस्तान की तपिश ने उन्हें निगल लिया।
आजकल के पति-पत्नियों के लिए सबक है ये कहानी
रवि और शांति की मौत सिर्फ दो लोगों की त्रासदी नहीं, यह उस मोहब्बत की कसौटी है जो आज के दौर में अक्सर शक, हिंसा और हत्या में बदल जाती है। जब दुनिया के कुछ हिस्सों में पति-पत्नी एक-दूसरे की जान ले रहे हैं, वहीं ये दो लोग ऐसे थे जो एक-दूसरे के लिए सरहद, मौत और तपती रेत से भी नहीं डरे। इस कहानी में कोई अपराधी नहीं, कोई साजिश नहीं बस मोहब्बत थी, और वो भी सच्ची। लेकिन अफसोस, उन्हें ये नहीं पता था कि सरहद पार करने के लिए सिर्फ जज्बात नहीं, वीजा भी चाहिए होता है।
पब्लिश्ड 4 July 2025 at 08:32 IST