अपडेटेड 3 May 2025 at 16:18 IST

पाकिस्तान की गंदी चाल पकड़ी गई! भारतीय सेना के अधिकारियों के खिलाफ चल रहा था एजेंडा, PAK मीडिया का ऐसे किया इस्तेमाल

पाकिस्तान अपने मुल्क की मीडिया के सहारे भारतीय सेना के अफसरों को बदनाम करने में लगा था। हालांकि ये गंदी चाल पकड़ी जा चुकी है।

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India Pakistan Tension
India Pakistan Tension | Image: ANI, AP

Pakistan: पहलगाम हमले के कारण तनाव के बीच पाकिस्तान सहमा-डरा है। हालात ये हो चुकी है कि अपने डर को छिपाने के लिए पाकिस्तान भारतीय सुरक्षाबलों को मीडिया के सहारे अपने मुल्क में बदनाम कर रहा है। भारतीय सैना के अधिकारियों को लेकर पाकिस्तानी मीडिया प्रोपेगेंडा चला रहा है और तनावपूर्ण माहौल के बीच जमकर दुष्प्रचार में लगा हुआ है।

सूत्रों के हवाले से एएनआई ने जानकारी दी कि पाकिस्तानी मीडिया चैनलों और कुछ सोशल मीडिया हैंडल ने कोऑर्डिनेटेड डिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन चलाया है, जिसमें भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों को लेकर गलत जानकारियां परोसी जा रही हैं। पाकिस्तानी हैंडल से आरोप लगाए गए कि एयर मार्शल एसपी धारकर को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने से इनकार करने के कारण उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया। यही नहीं, कई पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट झूठा दावा कर रहे हैं कि रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को उनके पद से हटाकर अंडमान और निकोबार में तैनात कर दिया गया है।

पाकिस्तान के दावों की असलियत क्या है?

असलियत ये है कि लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ के पद पर प्रमोट किया गया है। वो रक्षा खुफिया विभाग के पहले प्रमुख हैं, जिन्हें कमांडर-इन-चीफ के पद पर प्रमोशन मिला। जबकि हाल ही में एयर मार्शल एसपी धारकर भारतीय वायुसेना के उप वायुसेनाध्यक्ष के पद से रिटायर्ड हुए हैं। एयर मार्शल धारकर ने अपना कार्यकाल पूरा किया और इस साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए, जहां उन्हें औपचारिक गार्ड-ऑफ-ऑनर दिया गया।

पाकिस्तान क्यों ऐसे दावे कर रहा है?

सूत्रों ने कहा है कि ये आरोप एक चालबाजी के पैटर्न का हिस्सा हैं, जिनमें से हरेक दावा पहलगाम हमले के लिए भारत की ओर से एक मजबूत कूटनीतिक प्रतिक्रिया के बाद सामने आया है। सूत्रों ने कहा कि टारगेट खासतौर पर खुफिया विभाग के वरिष्ठ कमांडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी है, जिनका उद्देश्य भारत की तैयारियों पर संदेह पैदा करना है। ये भी दावा किया गया है कि ये पैटर्न ISI से जुड़े सोशल-मीडिया हैंडल के एक समूह की ओर से चलाए गए हैं, जो गलत सूचना फैलाने के लिए जाने जाते हैं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 3 May 2025 at 16:18 IST