अपडेटेड May 9th 2025, 23:12 IST
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को कहा कि भारत आज होने वाली IMF की बोर्ड बैठक में पाकिस्तान के लिए IMF से मिलने वाले राहत पैकेज पर अपना दृष्टिकोण रखेगा। बता दें, पाकिस्तान एक तरफ तो भारत पर हमले कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने भीख मांगने के लिए कटोरा लेकर खड़ा हो गया है। भारत के प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो ने तो इसे लेकर पाकिस्तान का जमकर मजाक भी उड़ाया।
पाकिस्तान के आर्थिक विभाग ने एक्स पर लिखा,"पाकिस्तान सरकार ने दुश्मन द्वारा भारी नुकसान के बाद अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों से अधिक ऋण की अपील की है। बढ़ते युद्ध और शेयरों में गिरावट के बीच, हम अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों से तनाव कम करने में मदद करने का आग्रह करते हैं। राष्ट्र से आग्रह है कि वह दृढ़ रहे।" इसपर PIB भारत ने रीपोस्ट कर बॉलीवुड फिल्म के एक सीन की तस्वीर लगाया। इस पोस्ट पर लिखा था कि ये कोई भीख मांगने का तरीका है।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "आपको पता होना चाहिए कि आईएमएफ की बैठक चल रही है। हम आईएमएफ सदस्यों के समक्ष अपना दृष्टिकोण और अपने विचार रखेंगे। यह बोर्ड पर निर्भर करता है कि वे क्या निर्णय लेते हैं।"
एक बात तो साफ है कि भारत आतंकवाद का समर्थन करने वाले देश पाकिस्तान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज का विरोध करेगा। हालांकि, विदेश सचिव ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि भारत IMF की बैठक में क्या संदेश देगा। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान आईएमएफ से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट की अगली किश्त की मांग कर रहा है।
सिंधु जल संधि की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर भारत के विदेश सचिव ने कहा, "सिंधु जल संधि स्थगित है, और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा घोषित निर्णय में मुझे और कुछ नहीं कहना है।" सिंधु जल संधि पर 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल की बातचीत के बाद विश्व बैंक की मदद से हस्ताक्षर किए गए थे, जो इस संधि का एक हस्ताक्षरकर्ता भी है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के एक दिन बाद, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे, 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता।
इसके अलावा, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था की भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि में मध्यस्थ बनने के अलावा कोई भूमिका नहीं है। प्रेस सूचना ब्यूरो ने अजय बंगा के हवाले से कहा, "हमारी मध्यस्थ बनने से बढ़कर कोई भूमिका नहीं है। मीडिया में इस बारे में बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक किस तरह से इस समस्या को सुलझाएगा, लेकिन यह सब बकवास है। विश्व बैंक की भूमिका केवल मध्यस्थ की है।" बंगा ने गुरुवार शाम को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके तुरंत बाद, अटकलें लगाई जाने लगीं कि विश्व बैंक इस मामले में हस्तक्षेप करेगा।
पब्लिश्ड May 9th 2025, 23:12 IST