अपडेटेड 2 May 2025 at 16:36 IST

5 फरवरी को PoK में मिले, 15 अप्रैल को पहलगाम आए, बेताब घाटी में हथियार छुपाए,फिर...; आतंकी हमले की टाइमलाइन का खुलासा

एनआईए के आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि 5 फरवरी POK के रावलकोट में एक बैठक हुई। बैठक में लश्कर, जैश और हमास के नेता शामिल हुए।

Follow : Google News Icon  
pahalgam terror attack
pahalgam terror attack | Image: Republic

Pahalgam Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच से एक-एक जानकारी निकलकर आ रही है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हमला हुआ। 26 पर्यटक इस हमले में मारे गए। फिलहाल पहलगाम आतंकी हमले की जांच एनआईए कर रही है और इस बीच एक बड़ा खुलासा इस पूरे घटनाक्रम की प्लानिंग को लेकर हुआ है।

सूत्र बताते हैं कि पहलगाम हमले को लेकर NIA ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर, ISI और पाक आर्मी की साजिश के सबूतों का जिक्र है। जांच में सामने आया कि आतंकियों को पाकिस्तान से दिशा निर्देश मिल रहे थे और ISI के इशारे पर लश्कर के हेडक्वार्टर में साजिश रची गई थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में NIA की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में POK का जिक्र है। आतंकी POK में अपने हैंडलर के संपर्क में थे। पहलगाम में हमले की पूरी साजिश को लेकर आतंकियों की एक टाइमलाइन भी सामने आई है।

पहलगाम आतंकी हमले की पूरी टाइमलाइन

एनआईए के आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि 5 फरवरी POK के रावलकोट में एक बैठक हुई। बैठक में लश्कर, जैश और हमास के नेता शामिल हुए। इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर हमास के नेताओं से बात हुई। इस बैठक के बाद तुरंत हाफिज सईद को पाकिस्तान आर्मी के कैंट इलाके में शिफ्ट कर दिया गया। सोशल मीडिया पेज को एक्टिव किया गया। OGW (ओवरग्राउंड वर्कर्स) को एक्टिव करने के लिए तहरीक ए पाशबान का इस्तेमाल किया गया, जो लश्कर ए तोएबा का विंग है। तहरीक ए पाशबान के जरिए OGW को डायरेक्शन भेजी गई।

खुलासा हुआ है कि मार्च में लश्कर के मुख्यालय में बैठक हुई। बैठक में लश्कर के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह, ISI ऑफिसर्स और पाकिस्तान आर्मी के लोग शामिल हुए। इसमें हाशिम मूसा और तलाह भाई को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी दी गई। 15 अप्रैल आतंकी पहलगाम आए। 3 लोकेशन की रेकी की गई, जिसमें आरु घाटी, बेताब घाटी और एम्यूजमेंट पार्क की रेकी की गई। लेकिन पहलगाम पुलिस स्टेशन नजदीक होने से आतंकियों ने प्लान ड्रॉप किया। आतंकियों ने हथियार बेताब घाटी में छुपाए।

Advertisement

बताया जाता है कि 20 अप्रैल को आतंकी OGW से मिली इनफार्मेशन के बाद बैसरन घाटी पहुंचे। 2 दिन घाटी की रेकी की, जिसमें 4 OGW ने आतंकियों की मदद की। आतंकियों में 22 अप्रैल आतंकी हमले की योजना बनाई और दोपहर ढाई बजे आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया।

यह भी पढ़ें: बिलावल भुट्टो ने कबूला पाक का 'काला' सच, कहा- हां, हमने आतंकियों को पाला

Advertisement

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 2 May 2025 at 16:36 IST