अपडेटेड 22 August 2025 at 18:52 IST
'डंपर की हालत में है पाकिस्तान, ये उनकी अपनी नाकामी है', राजनाथ सिंह ने आसिम मुनीर की 'फरारी' वाली टिप्पणी को बताया 'कबूलनामा'
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार 22 अगस्त को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के उस बयान पर चुटकी ली, जिसमें उन्होंने भारत को 'फरारी', और पाकिस्तान को 'डंपर' बताया था।
- भारत
- 3 min read

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार 22 अगस्त को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के उस बयान पर चुटकी ली, जिसमें उन्होंने भारत को 'फरारी', और पाकिस्तान को 'डंपर' बताया था।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अगर आज डंपर की हालत में है, तो ये उनकी ही नाकामी है। आपको बता दें कि आसिम मुनीर फरारी वाले बयान पर पूरी दुनिया में ट्रोल हुए थे। राजनाथ सिंह ने भी कहा कि आसिम मुनीर ने मान ही लिया कि पाकिस्तान की हालत डंपर जैसी है, और भारत उसके सामने फरारी है।
'दोनों देश एक साथ आजाद हुए'
राजनाथ सिंह ने कहा, 'सबने यही कहा कि दो देश एक साथ आजाद हुए। एक देश ने कड़ी मेहनत, सही नीतियों और दूरदृष्टि से फरारी जैसी अर्थव्यवस्था बनाई और दूसरा अभी भी डंपर की स्थिति में है तो यह उनकी अपनी नाकामी है। मैं आसिम मुनीर के इस बयान को उनके एक कंफेशन के रूप में भी देखता हूं।'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हमने हमेशा एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था की कल्पना की है जहां शक्ति उत्तरदायित्व द्वारा निर्देशित हो, उद्देश्य सभी की भलाई में निहित हो और साझेदारी राष्ट्रों के बीच संबंधों की स्वाभाविक स्थिति हो। भारतीय लोकाचार वैश्विक व्यवस्था को प्रभुत्व की प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं, बल्कि सभी के लिए सद्भाव, सम्मान और परस्पर सम्मान की दिशा में एक साझा यात्रा के रूप में देखता है। हमारी परंपरा में, शक्ति का मापदंड आदेश देने की क्षमता में नहीं, बल्कि देखभाल करने की क्षमता में है; संकीर्ण हितों की खोज में नहीं, बल्कि वैश्विक भलाई के प्रति प्रतिबद्धता में है।"
Advertisement
लुटेरी मानसिकता की तरफ इशारा
उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने जाने-अनजाने में एक ऐसी कबीलाई और लुटेरी मानसिकता की तरफ इशारा किया है, जिसका शिकार पाकिस्तान अपने जन्म से रहा है। मुझे ऐसा लगता है कि हमें पाकिस्तानी सेना के इस भ्रम को तोड़ना होगा। ऑपरेशन सिंदूर के चलते तो वैसे उनके मन में यह भ्रम उत्पन्न होना भी नहीं चाहिए था, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत की समृद्धि, हमारी संस्कृति और हमारी आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ, हमारी रक्षा क्षमता और अपने राष्ट्रीय सम्मान के लिए लड़ने की भावना भी उतनी ही सशक्त बनी रहे। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सभ्यता में, हमारे राष्ट्र में लड़ने का जज्बा भी जिंदा रहे।'
Advertisement
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 22 August 2025 at 18:52 IST