अपडेटेड May 4th 2025, 21:48 IST
Defence Minister Rajanath Singh Send Strict Message to Pakistan : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में उभरे जनभावनाओं का ज़िक्र करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार वही करेगी जो देश की जनता चाहती है और अब भारत किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि या सीमा पर अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा। राजनाथ सिंह ने कहा, 'देश की सीमा की रक्षा मेरी जिम्मेदारी है, और जो भी भारत पर आंख उठाएगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।' उनका यह बयान साफ तौर पर पाकिस्तान को एक सख्त चेतावनी थी कि भारत अब पहले से कहीं अधिक निर्णायक और मजबूत स्थिति में है। रक्षा मंत्री के इस बयान ने न सिर्फ देशवासियों में भरोसा जगाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत की नीति अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि सक्रिय और स्पष्ट संदेश देने वाली है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी में आयोजित संस्कृति जागरण महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देश उनके साहस, संकल्प और कार्यशैली से भलीभांति परिचित है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन में बड़े-बड़े जोखिम उठाए हैं और उन्हें सफलता में बदलना भी सीखा है। मैं आप सभी को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि उनके नेतृत्व में जैसा आप चाहते हैं, वैसा होकर रहेगा।" राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत की असली ताकत सिर्फ उसकी सेनाओं में नहीं, बल्कि उसकी प्राचीन संस्कृति और गहरी आध्यात्मिक विरासत में भी है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत जब अपनी जड़ों से जुड़ता है, तभी वह विश्व मंच पर मजबूती से खड़ा हो सकता है। उनकी इस टिप्पणी को न केवल सरकार के आत्मविश्वास का प्रतीक माना जा रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब सांस्कृतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर अपने आप को सशक्त रूप से प्रस्तुत कर रहा है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत बैसरन घाटी, जो आमतौर पर सैलानियों से गुलजार रहती है, अचानक गोलियों और आतंक की चीखों से दहल उठी। इस भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 17 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस बर्बर हमले ने न सिर्फ देश को झकझोर दिया, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से मौजूद तनाव को और भी गहरा कर दिया। हमले के बाद भारत सरकार ने तुरंत सख्त कदम उठाए। पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए भारत ने सिंधु जल समझौते को रोकने का ऐलान कर दिया और साथ ही कई अन्य आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध भी लागू किए। यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत थी कि भारत अब आतंक के हर वार का जवाब निर्णायक और ठोस कदमों से देगा। यह हमला न सिर्फ एक जघन्य आतंकी कृत्य था, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा और सीमापार रिश्तों के लिए एक निर्णायक मोड़ भी बन गया।
जम्मू-कश्मीर की एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के फायरिंग की गई, जिससे सीमा पर तनाव गहरा गया है। पाकिस्तानी सैनिकों ने कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों में छोटे हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी की।हालांकि भारतीय सेना ने इस उकसावे का मुंहतोड़ और बेहद प्रभावी जवाब दिया। सेना ने न केवल जवाबी कार्रवाई की, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। भारतीय सैनिकों की तत्परता और रणनीतिक जवाब ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की घुसपैठ या उकसावे का जवाब अब हर मोर्चे पर मिलेगा। यह ताजा घटनाक्रम बताता है कि एलओसी पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन भारत हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है।
पब्लिश्ड May 4th 2025, 21:37 IST