अपडेटेड 10 December 2025 at 11:45 IST

OYO जाने वालों के लिए जरूरी खबर, चेकइन पर नहीं देनी होगी आधार की फोटोकॉपी; QR से हो जाएगा काम; प्‍लान, प्‍यार और पहचान सब रहेंगे सेफ

अगर आप भी अपने पार्टनर के साथ प्राइवेट पल बिताने OYO रूमस जाते हैं तो ये खबर आपके लिए है। अब आपकी प्राइवेसी और भी प्राइवेट होने वाली है।

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OYO जाने वालों के लिए जरूरी खबर, चेकइन पर नहीं देनी होगी आधार की फोटोकॉपी; QR से हो जाएगा काम; प्‍लान, प्‍यार और पहचान सब रहेंगे सेफ | Image: X

अगर आप भी अपने पार्टनर के साथ प्राइवेट पल बिताने OYO जाते हैं तो ये खबर आपके लिए है। अब आपकी प्राइवेसी और भी प्राइवेट होने वाली है। जी हां अब ओयो रूम्‍स या होटल रूम लेते समय आपको आधार कार्ड की फोटोकॉपी नहीं देनी पड़ेगी। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) आधार कार्ड की सुरक्षा को और मजबूत करने तथा पेपर-बेस्ड आधार वेरिफिकेशन को खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। 

नए नियम लागू होने के बाद OYO जैसे होटल चेन, इवेंट ऑर्गनाइजर और ऐसी सभी कंपनियां अब ग्राहकों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी न तो ले सकेंगी और न ही उन्हें फिजिकल रूप में स्टोर कर पाएंगी, क्योंकि यह आधार एक्ट का उल्लंघन माना जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए नियम को मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इसे पब्लिश किया जाएगा।

QR कोड स्‍कैन करने से हो जाएगा काम

UIDAI के प्रमुख भुवनेश कुमार ने बताया कि अथॉरिटी ने नई व्यवस्था को आधिकारिक मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक, वे सभी संस्थाएं—जैसे होटल, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां और अन्य संगठन जो आधार आधारित सत्यापन चाहती हैं, उन्हें UIDAI के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें ऐसी तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी जिसके माध्यम से वे QR कोड स्कैन करके या विकसित किए जा रहे नए आधार ऐप के जरिए किसी भी ग्राहक की पहचान की पुष्टि कर सकेंगे।

जल्द नोटिफाई होगा नियम

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भवनेश कुमार ने कहा कि नए नियम को अथॉरिटी ने मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसे नोटिफाई किया जाएगा। यानी कि नया नियम जल्द ही लागू हो जाएगा। यह होटल, इवेंट ऑर्गनाइजर जैसी ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली कंपनियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी करेगा। इसका मकसद पेपर-बेस्ड आधार वेरिफिकेशन को रोकना है।

नए वेरिफिकेशन प्रोसेस से सेंट्रल आधार डेटाबेस से जुड़ने वाले इंटरमीडिएट सर्वर के डाउनटाइम के कारण होने वाले कई कामों से जुड़ी दिक्कतें भी हल होंगी। ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली एंटिटीज को API एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस का एक्सेस मिलेगा, जिसके जरिए वे आधार वेरिफिकेशन के लिए अपने सिस्टम को अपडेट कर सकते हैं।

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डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी पर क्या असर पड़ेगा?

रिपोर्टों के अनुसार, नए सिस्टम से पेपर-आधारित पहचान जांच पूरी तरह समाप्त हो जाएगी, जिससे ग्राहकों की निजी जानकारी के लीक होने की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। यह कदम डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप आधार ऑथेंटिकेशन को और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नया सिस्टम आगामी 18 महीनों में पूर्ण रूप से चालू होने की उम्मीद है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 10 December 2025 at 11:03 IST