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अपडेटेड May 7th 2025, 09:37 IST

लश्‍कर का कैंप, जैश का हेडक्वार्टर और आतंकी मसूद अजहर की मस्‍जिद... सेना के 'Operation Sindoor' का टारगेट क्यों बना बहावलपुर

इस हमले में सबसे ज्‍यादा तबाही बहावलपुर में मची है। पाकिस्तान के बहावलपुर में अंधेरा छा गया। बहावलपुर के अस्पतालों में भीड़ के विजुअल सामने आए रहे हैं।

Reported by: Ankur Shrivastava
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लश्‍कर का कैंप, जैश का हेडक्वार्टर और आतंकी मसूद अजहर की मस्‍जिद... सेना के 'Operation Sindoor' का टारगेट क्यों बना बहावलपुर | Image: Pixabay

भारतीय सेना ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। मंगलवार की आधी रात करीब 2 बजे के करीब भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए। भारतीय सेना ने ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया। इस तरह से हमले के 15 दिनों बाद भारतीय सेना ने भारत की बेटियों का सिंदूर उजाड़ने वालों को मिट्टी में मिला दिया। सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं। पाकिस्तान में स्थित ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल हैं। आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

इस हमले में सबसे ज्‍यादा तबाही बहावलपुर में मची है। पाकिस्तान के बहावलपुर में अंधेरा छा गया। बहावलपुर के अस्पतालों में भीड़ के विजुअल सामने आए रहे हैं। अब सवाल उठने लगा है कि भारत ने बहावलपुर को ही क्यों टारगेट किया। आपको बता दें कि पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है। यह शहर लाहौर से लगभग 400 किमी दूर है और यहां JeM का मुख्यालय 'जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह' परिसर में स्थित है, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस भी कहा जाता है। यह परिसर 18 एकड़ में फैला हुआ है और JeM के लिए भर्ती, फंडिंग और ट्रेनिंग का केंद्र है। भारतीय हमले में यह मस्जिद भी निशाने पर थी। JeM का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर बहावलपुर का ही रहने वाला है और यहीं एक भारी सुरक्षा वाले परिसर में रहता है। 

लश्कर के 'मरकज-ए-तैयबा' कैंप को भी किया तबाह, 26/11 के आतंकियों ने यहीं ली थी ट्रेनिंग

भारतीय सेना ने लश्कर के 'मरकज-ए-तैयबा' कैंप को निशाना बनाया। सूत्रों की मानें तो यहीं पर 26/11 के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। अब ये ठिकाने सिर्फ नक्शों में बचे हैं। भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के सबसे बड़े अड्डे मरकज-ए-तैयबा को निशाना बनाया। यह वही मुख्यालय है जहां 2008 के मुंबई हमलों (26/11) के आतंकियों को प्रशिक्षण दिया गया था।

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने सोमवार देर रात लाहौर के पास मुरिदके में स्थित मरकज़-ए-तैयबा पर स्कैल्प मिसाइल से सटीक हमला किया। इस हमले में लश्कर की इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। मरकज-ए-तैयबा न सिर्फ लश्कर का धार्मिक मुखौटा है, बल्कि यहीं से आतंकी हमलों की साजिशें रची जाती हैं। यहीं हाफिज सईद के भाषणों के जरिए भारत-विरोधी जहर घोला जाता था। 26/11 के आतंकी कसाब सहित सभी आतंकियों की ट्रेनिंग इसी परिसर में हुई थी।

भारतीय सेना ने आतंक के इन 9 ठिकानों को किया तबाह

  • बहावलपुर (02) : जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर
     
  • मुरीदके : लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर
     
  • मुजफ्फराबाद : हिजबुल मुजाहिदीन का अड्डा
     
  • कोटली : टेरर कैंप
     
  • गुलपुर: टेरर लॉन्च पैड
     
  • भिंबर: टेरर लॉन्च पैड
     
  • चक अमरू: टेरर लॉन्च पैड
     
  • सियालकोट: आतंकी कैंप

भारत का दुश्‍मन नंबर 1 है अजहर मसूद

1968 में बहावलपुर में जन्मा मौलाना मसूद अजहर 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था। 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट के अपहरण के बाद उसे छोड़ा गया और उसने तुरंत बाद जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की। माना जाता है कि अजहर ने आतंकी अभियान शुरू करने से पहले अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन से आशीर्वाद लिया था। उसके संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से न केवल संरचना, बल्कि वित्तीय सहायता भी मिलती रही है।

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पब्लिश्ड May 7th 2025, 09:37 IST