अपडेटेड 5 September 2025 at 20:39 IST

Onam 2025: राजा बलि के अहंकार को वामन ने तोड़ा था... ओणम पर्व मनाने के पीछे की क्या है रोचक कहानी?

ओणम पर्व की रोचक कहानी और इसके पीछे का महत्व जानें। राजा बलि के अहंकार को वामन ने कैसे तोड़ा और इस पर्व को क्यों मनाया जाता है।

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Onam Festival Bali Story
ओणम पर्व मनाने के पीछे की क्या है रोचक कहानी | Image: @keralatourism

Onam Festival Bali Story: ओणम का उत्सव चिंगम (सिंघम/सिंहम्) मास में भगवान वामन की जयन्ती और राजा बलि के स्वागत में हर साल मनाया जाता है जो दस दिनों तक चलता है। इस बार ओणम पर्व 26 अगस्त से 5 सितम्बर तक मनाया जाएगा। 

राजा बलि का अहंकार

सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि केरल में एक पौराणिक राजा दैत्य राजा बली ने अपनी शक्ति और दानवीरता के कारण अत्यधिक अहंकारी हो गए थे। उन्होंने कभी केरल पर भी शासन किया था। भागवत पुराण और विष्णु पुराण के मुताबिक, एक बार राक्षसों के राजा बलि ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए त्रिलोक (स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल) पर कब्जा कर लिया था।

वामन अवतार

तब देवताओं ने भगवान विष्णु से उनकी सहायता की प्रार्थना की। तब भगवान विष्णु ने वामन रूप में जन्म लिया और राजा बलि के पास पहुंचे। पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान बामन 52 अंगुल का बौना रूप धारण करके प्रकट हुए और राजा बलि के द्वार पर प्रकट हुए।

तीन पग भूमि का दान

बलि ने ब्राह्मण के वेश में आने पर भगवान का स्वागत किया। जब भगवान ने राजा से तीन पग भूमि दान करने को कहा। दैत्य गुरु शुक्राचार्य के मना करने के बावजूद अंहकारवश राजा बली ने भगवान का उपहास किया और उन्हें भूमि दान के लिए सहर्ष राजी हो गए।

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राजा बलि का घमंड चकनाचूर

राजा बलि ने जमीन पग के लिए गंगाजल का संकल्प लिया। तब भगवान ने विशाल रूप धरकर दो पग में ही सारे लोक को नाप दिया। राजा बलि का घमंड चकनाचूर हो गया और अपनी गलती का अहसास होने पर उन्होंने प्रभु के आगे सिर झुका दिया।

ओणम पर्व का महत्व

ओणम पर्व को मनाने वाले लोगों का जीवन सुखों से भर जाता है। यह पर्व वामन अवतार में विष्णु द्वारा राजा बलि के अहंकार को चूर करने की खुशी में मनाया जाता है। यह पर्व अब केरल से बाहर बाकी राज्यों में भी धूमधाम से मनाया जाने लगा है। ओणम पर्व की रोचक कहानी और इसके पीछे का महत्व जानने से हमें पता चलता है कि यह पर्व क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है। यह पर्व हमें अहंकार के नाश और भगवान की महिमा की याद दिलाता है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 5 September 2025 at 20:21 IST