अपडेटेड 4 August 2025 at 14:55 IST
1 किलो सोना और 2 Kg चांदी, 44 प्लॉट और एक गुप्त डायरी, ओडिशा में सरकारी कर्मचारी के पास से मिली अकूत संपत्ति, कैश जानकर उड़ जाएंगे होश
ओडिशा में विजिलेंस विभाग ने राज्य सरकार कर्मचारी के घर छापेमारी में 44 प्लॉट, एक किलो सोना, 2.126 किलो चांदी और 1.34 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक बैलेंस का खुलासा किया है।
- भारत
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एक आम आदमी और सामान्य सरकारी कर्मचारी को एक प्लॉट खरीदने में आधी जिंदगी निकल जाती है, लेकिन ओडिशा में एक मोटर वाहन निरीक्षक (MVI) ने 44 प्लॉट खरीद डाले। इसके अलावा उसके घर से एक किलो सोना, 2 किलो चांदी और सवा करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस मिला है। एक MVI के घर मिली अकूत संपत्तियों ने कई सवाल खड़ा कर दिए है, सवाल ये कि आखिर एक सामान्य सरकारी कर्मचारी कितना कमा सकता है?
बौध जिले में मोटर वाहन निरीक्षक के पद पर तैनात गोलाप चंद्र हांसदा के घर मिले कुबेर के इस खजाने के बाद विजिलेंस विभाग कई सवालों के जवाब तलाश रहा है। विजिलेंस विभाग ने गोपनीय सूचना पर हांसदा के छह ठिकानों पर छापा मारा था। उसकी संपत्ति को देख छापा मारने गए अधिकारियों को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विजिलेंस टीम को-
- परिवार के पास 44 प्लॉट
- एक किलो सोना
- 2.126 किलो चांदी
- 1.34 करोड़ बैंक बैलेंस
- 2.38 लाख कैश बरामद हुआ है।
छापेमारी में मिली गुप्त डायरी
कार्रवाई कर रही विजिलेंस की टीम को भरोसा है कि अभी इन अकूत संपत्तियों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। छापेमारी में गोलाप चंद्र हांसदा के घर से एक डायरी भी बरामद हुई है। बताया जा रहा है कि इस डायरी में कथित तौर पर उसकी बेनामी संपत्ति का पूरा ब्यौरा है। डायरी से ही जानकारी मिली कि उसने अपनी बेटी की मेडिकल पढ़ाई पर 40 लाख रुपये खर्च किए हैं।
एक ही शहर में 43 प्लॉट
गोलाप चंद्र हांसदा का वर्तमान मासिक वेतन करीब 1.08 लाख रुपये है, यानी उसकी सालाना आय करीब 13 लाख रुपये है। उसने 1991 में संभलपुर और देवगढ़ के जिला उद्योग केंद्र (DIC) से सरकारी सेवा में एंट्री मारी थी। 1.08 लाख रुपये महीना कमाने वाले सरकारी नौकर के पास 44 में से 43 प्लॉट एक ही शहर और उसके आसपास के इलाके में हैं। इन सभी 44 प्लॉट की रजिस्ट्री कीमत करीब 1.49 करोड़ आंकी गई है, लेकिन इनकी मार्केट वैल्यू इससे कहीं अधिक हो सकती है।
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इस अकूत दौलत के अलावा हांसदा का दो मंजिला मकान 3300 वर्गफुट में फैला है। जिसकी बनावट और भव्यता को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मकान में बेहिसाब खर्च किया गया है। विजिलेंस विभाग का कहना है कि यह शुरुआती चरण की कार्रवाई है। आगे की जांच में और भी संपत्तियां या लेन-देन सामने आ सकते हैं।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 4 August 2025 at 14:55 IST