अपडेटेड 22 June 2025 at 14:05 IST
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को पहलगाम आतंकी हमले की जांच में बड़ी सफलता हाथ लगी है। जांच एजेंसी ने दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों को पनाह देने का आरोप है। आतंकी हमले से पहले इन आतंकियों को पूरी योजना के साथ पनाह दी गई थी। NIA ने तीन आतंकियों की भी पहचान की है जिनका संलिप्ता इस आतंकी घटना को अंजाम देने में थी।
NIA की जांच में सामने आया कि आतंकियों को हमले से पहले सोची-समझी रणनीति के तहत पहलगाम इलाके में छिपाया गया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान परवेज अहमद जोठर (निवासी बाटकोट, पहलगाम) और बशीर अहमद जोठर (निवासी हिल पार्क, पहलगाम) के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, इन दोनों ने तीन हथियारबंद आतंकियों को अपने इलाके की एक अस्थायी झोपड़ी में शरण दी थी। उन्हें खाना और जरूरी सामान भी मुहैया कराया गया था।
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पहलगाम के बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क के बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है और यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
मामले की जांच कर रही NIA ने आंतकियों को शरण देने के लिए दोनों व्यक्तियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत मामला दर्ज किया है। एनआईए के अनुसार, इन दोनों व्यक्तियों पर आरोप है कि उन्होंने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त आतंकवादियों को न सिर्फ शरण दी, बल्कि उनकी मदद भी की। अब सबूतों के आधार पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछ-पूछकर गोली मारी थी। हंसते खेलते पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर उनकी जान ले ली थी और खूबसूरत घाटी को लहूलूहान कर दिया था। इस आतंकी हमले को लेकर पूरी दुनिया ने निंदा की थी। भारत ने इस हमले के जवाब में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक किया था,जिसका नाम ऑपरेशन सिंदूर दिया गया था।
पब्लिश्ड 22 June 2025 at 14:05 IST