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Published 23:37 IST, November 28th 2024

एनआईए ने मानव तस्करी गिरोह की जांच के सिलसिले में 22 स्थानों पर छापेमारी की

NIA ने साइबर फ्रॉड में संलिप्त कॉल सेंटर में काम करने के लिए युवाओं को लुभाने वाले मानव तस्करी गिरोह की जांच के सिलसिले में 6 राज्यों में छापेमारी की।

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NIA conducts raids at multiple locations in several states
NIA conducts raids at multiple locations in several states | Image: Representational

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने साइबर धोखाधड़ी में संलिप्त कई कॉल सेंटर में काम करने के लिए युवाओं को लुभाने वाले मानव तस्करी गिरोह की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को छह राज्यों में 22 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एनआईए ने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में भारतीय युवाओं की तस्करी में जुटे गिरोह से जुड़े मामले की जांच के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब में 17 संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली गई।

बयान के मुताबिक संदिग्धों की पहचान कंबोडिया स्थित भारतीय एजेंटों के उप-एजेंटों, सहयोगियों और रिश्तेदारों के रूप में की गई है, जो दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश में भारतीय युवाओं की तस्करी में शामिल थे। एनआईए के बयान में कहा गया है कि ये संदिग्ध नौकरी चाहने वाले युवकों को विदेश भेजने तथा उनके वित्तीय लेनदेन और अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंधन करने में संलिप्त थे।

बिहार के गोपालगंज में पुलिस द्वारा दर्ज किया गया यह मामला एक संगठित गिरोह से संबंधित है, जो नौकरी के बहाने भारतीय युवाओं को विदेश ले जाता है और उन्हें साइबर धोखाधड़ी में संलिप्त फर्जी कॉल सेंटर में काम करने के लिए मजबूर करता है।एनआईए ने बयान में कहा कि तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप और आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ-साथ संपत्ति और वित्तीय दस्तावेजों सहित कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। बयान में कहा गया है कि तलाशी में 34.80 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए हैं।

एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि युवाओं को आकर्षक वैध नौकरियों के बहाने फुसलाया जाता था और फिर उन्हें साइबर गुलामी में धकेला जाता था। उन्होंने कहा कि तस्करी किए गए युवाओं को घोटालेबाज कंपनियों में स्थानांतरित किया जा रहा था और उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए थे। पीड़ितों द्वारा एनआईए को दिए गए बयानों से पता चला है कि साइबर धोखाधड़ी करने से इनकार करने पर घोटालेबाज कंपनियों के प्रबंधकों द्वारा उन्हें बिजली के झटके देने सहित मानसिक और शारीरिक यातना दी जाती थी।

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Updated 23:37 IST, November 28th 2024