अपडेटेड 28 November 2024 at 20:26 IST
Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान के ख्वाजा अजमेर शरीफ की दरगाह में मंदिर होने की याचिका को कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। इसे लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में बवाल मचा हुआ है। वहीं इसे लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी आगबबूला हो गए। एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "800 साल से ख्वाजा अजमेरी की दरगाह है। 800 साल तक मुगलों ने हुकूमत की, बादशाह अकबर ने वहां कुछ तामिल करवाया। फिर मुगल खत्म हुआ, मराठाओं का राज शुरू हुआ, फिर उन्होंने 18000 रुपए में मुगलों को बेच दिया। 1911 में रानी एलीजाबेथ आई, तो वहां पानी का घर बनवाया। नेहरू से लेकर जितने पीएम बने वो वहां पर चादर बिछाते हैं। क्या करना चाहते हैं ये लोग? आखिर क्यों इतनी नफरत पैदा कर दिए ये मस्जिद और दरगाहों के ताल्लुक से BJP -RSS वाले लोग? पीएम मोदी खुद चादर बिछाते हैं। आप बताएं, इसपर क्या बोलेंगे वो?"
उन्होंने आगे कहा, "नरेंद्र मोदी की सरकार उसे बोलेगी कि दरगाह है या नहीं? प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू ही नहीं हो रहा है। आप हर जगह पर जाकर बोलेंगे कि नहीं यहां मस्जिद नहीं थी, यहां दरगाह नहीं था, तो फिर कोई भी मुसलमान जाकर बोल दे कि यहां पर ये नहीं था वो नहीं था, कहां रूकेगा फिर ये। रूल ऑफ ऑर्डर, डेमोक्रेसी और लॉ एंड ऑर्डर कहां जाएगा?"
उन्होंने आगे कहा कि हमने देख लिया संभल में 5 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इतना गड़बड़ हो गया यहां पर। ये देशहित में नहीं है। नरेंद्र मोदी और आरएसएस जो कर रही है, उससे देश, भाईचारा और रूल ऑफ लॉ कमजोर हो रहा है। अब तो इनको जवाब देना पड़ेगा कि ये जितने भी लोग हैं, इनका डायरेक्ट या इनडायरेक्ट ताल्लुक बीजेपी या आरएसएस से है। ये इन्हीं के इशारों पर ये हरकत कर रहे हैं।
दरअसल, 27 नवंबर को अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने सुनने योग्य माना है। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है। बता दें, हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी। वादी विष्णु गुप्ता की याचिका पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस मनमोहन चंदेल ने दरगाह कमेटी, अस्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने मामले में 5 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। हिंदू संगठन लगातार लंबे समय से दावा करता आ रहा है कि यहां मंदिर हुआ करता था। हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने 2022 में अजमेर दरगाह में हिंदू मंदिर होने का दावा किया था। इस मामले में उन्होंने राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी। महाराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने चिट्ठी के साथ एक तस्वीर भी भेजी थी, जिसमें दरगाह की खिड़कियों पर स्वास्तिक के निशान होने का दावा किया गया था।
पब्लिश्ड 28 November 2024 at 19:08 IST