अपडेटेड 16 November 2025 at 12:48 IST

29 अक्टूबर को एंट्री, फिर अगले दिन दोपहर में एग्जिट... रातभर अल-फलाह यूनिवर्सिटी में क्या कर रही थी दिल्ली ब्लास्ट वाली i20 कार?

दिल्ली विस्फोट मामले में एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें अक्टूबर में अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में खड़ी हुंडई i20 कार दिखाई दे रही है।

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New CCTV Footage Shows i20 Car Used in Delhi Blast Parked Inside Al Falah University In October
दिल्ली ब्लास्ट वाली कार | Image: Republic

दिल्ली विस्फोट मामले में एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें अक्टूबर में अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में खड़ी हुंडई i20 कार दिखाई दे रही है। यह सीसीटीवी फुटेज फरीदाबाद स्थित यूनिवर्सिटी से प्राप्त किया गया है, जिसकी दिल्ली और फरीदाबाद क्राइम ब्रांच जांच कर रही है।

10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट के समय जिस कार को हमलावर डॉ. उमर नबी चला रहा था, उसे 29 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश करते देखा गया था। कार को 30 अक्टूबर को दोपहर 2:41 बजे परिसर से निकलते देखा गया था।

दिल्ली में यह विस्फोट कार के विश्वविद्यालय से निकलने के कुछ दिनों बाद हुआ था। लाल किला और चांदनी चौक जैसे व्यस्त इलाके के पास हुए इस विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।

यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया

डॉ. उमर नबी अल फलाह यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर था, जिसकी स्थापना हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी अधिनियम के तहत की गई थी। विस्फोट के बाद, यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। सूत्रों के अनुसार, रविवार को रिजवान और शोएब नाम के दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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आतंकी मॉड्यूल की जांच जारी

फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की एक टीम रविवार सुबह अल फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची, जहाँ 'सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल की जांच जारी है।

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं, एक धोखाधड़ी और दूसरी जालसाजी की धाराओं के तहत। दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी को एक नोटिस भी जारी किया है और उनसे कुछ दस्तावेज मांगे हैं। आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने मान्यता संबंधी झूठे दावे किए थे।

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इसके अलावा, घटना स्थल की गहन जांच के दौरान पुलिस को वहां से 9mm कैलिबर के तीन कारतूस मिले हैं जिनमें दो जिंदा और एक खाली खोखा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि घटनास्थल से किसी भी पिस्टल या हथियार का कोई निशान नहीं मिला। यानी कारतूस तो मिले, लेकिन जिस हथियार से उन्हें चलाया जा सकता था, वह गायब है। आपको बता दें कि 9mm पिस्टल सामान्य नागरिक नहीं रख सकते। यह आमतौर पर सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों द्वारा इस्तेमाल की जाती है। इसलिए यह बड़ा सवाल है कि कारतूस वहां पहुंचे कैसे? जांच के दौरान मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों के हथियार और कारतूस की गिनती कराई गई। लेकिन किसी के पास से कोई कारतूस गायब नहीं मिला। अब एजेंसियां इस पहलू की जांच कर रही हैं कि ये कारतूस ब्लास्ट के बाद कार से गिरे या किसी ने उन्हें जानबूझकर वहां फेंका। 

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 16 November 2025 at 12:48 IST