अपडेटेड May 2nd 2025, 11:20 IST
ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में एक और नेपाली छात्रा की संदिग्ध हालात मौत से सनसनी फैल गई। छात्रा की लाश हॉस्टल में फंदे से लटकी मिली है। तीन महीने के अंदर नेपाली छात्रा की आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। गुरुवार शाम को KIIT में एक और नेपाली लड़की मृत पाई गई थी। छात्रा की पहचान नेपाल की मूल निवासी के रूप में हुई है। इस घटना के बाद KIIT एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
गुरुवार रात को KIIT के छात्रावास में एक नेपाली छात्रा की लाश फंदे से लटकी मिली। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को फंदे से उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। भुवनेश्वर के डीसीपी जगमोहन मीना ने बताया कि स्टूडेंट की उम्र 18 साल थी। वह कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर में पढ़ रही थी। छात्रा नेपाल के बीरगंज इलाके की रहने वाली थी। डीसीपी ने कहा कि पुलिस आत्महत्या के कारण का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।
सुसाइड की खबर मिलते ही पुलिस कमिश्नर एस देव दत्ता सिंह और DCP मीना समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी जांच का जायजा लेने मौके पर पहुंचे। KIIT में तीने महीने के अंदर ये दूसरी नेपाली छात्रा की आत्महत्या की घटना है। ऐसे में संस्थान पर कई सवाल उठ रहे हैं। ABVP के एक सदस्य ने कहा, घटना दोहराई गई है। उसी छात्रावास और इमारत से एक और आत्महत्या का मामला सामने आया है। ABVP मामले की गहन जांच की मांग करती है।
इधर भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर पी शर्मा ने घटना पर शोक जताते हुए गहन जांच की बात कही है। उन्होंन ट्वीट किया, ओडिशा के KIIT में अपने छात्रावास के कमरे में पाई गई नेपाली छात्रा प्रिशा साह की दुखद मौत से बहुत दुख हुआ। उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले। हम गहन जांच के लिए विदेश मंत्रालय, ओडिशा सरकार, पुलिस और विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
बता दें कि कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में इस छात्रावास में बीते 16 फरवरी को बी-टेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट प्रकृति लामसाल का शव हॉस्टल में मिला था। कहा गया था कि 20 वर्षीय नेपाली छात्रा ने भी आत्महत्या कर ली थी। छात्रा की मौत पर पर जमकर बवाल भी हुआ था। कॉलेज के अन्य इंटरनेशनल छात्रों यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। नेपाली स्टूडेंट यूनिवर्सिटी छोड़कर जाने लगे थे। नेपाल की सरकार ने आधिकारिक तौर पर हस्तक्षेप किया था। यह मामला इतना बड़ा हो गया था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस मामले की जांच की थी। आयोग ने यूनिवर्सिटी को छात्रा की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
पब्लिश्ड May 2nd 2025, 11:15 IST