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अपडेटेड 26 June 2025 at 12:46 IST

'प्रिया' के लिए गद्दारी कर गया नौसेना का क्लर्क विशाल यादव, PAK को दे रहा था खुफिया सूचना; ऑपरेशन सिंदूर की भी भेजी थी जानकारी

डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड में तैनात अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) विशाल यादव को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग ने गिरफ्तार किया है।

Reported by: Ankur Shrivastava
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Navy Staffer Arrested For Spying For Pakistan, Shared Info During Operation Sindoor
'प्रिया' के लिए गद्दारी कर गया नौसेना का क्लर्क विशाल यादव, PAK को दे रहा था खुफिया सूचना; ऑपरेशन सिंदूर की भी भेजी थी जानकारी | Image: Pixabay/Republic

दिल्ली स्थित नौसेना भवन से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने देश की सुरक्षा एजेंसियों को हिला कर रख दिया है। यहां डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड में तैनात अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) विशाल यादव को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग ने गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी 25 जून को हरियाणा के पुनसिका से की गई, जहां से उसे शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत हिरासत में लिया गया।

सीआईडी इंटेलिजेंस के आईजी विष्णुकांत गुप्ता के मुताबिक, राजस्थान पुलिस लंबे समय से पाकिस्तानी एजेंसियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। इसी निगरानी के दौरान विशाल यादव की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि वह एक महिला हैंडलर के संपर्क में था, जिसने सोशल मीडिया पर ‘प्रिया शर्मा’ नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाई थी। महिला एजेंट ने विशाल को पैसों का लालच देकर गोपनीय दस्तावेजों की सप्लाई शुरू करवा दी।

पैसे के लिए देश से कर दी गद्दारी

पूछताछ में सामने आया कि विशाल ऑनलाइन गेमिंग का शौकीन था और आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसी कमजोरी का फायदा उठाकर पाक एजेंट ने उसे फांस लिया। विशाल ने रक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा की और इसके बदले में उसे क्रिप्टोकरेंसी में USDT के रूप में और सीधे बैंक खातों में पैसे मिले।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भी था जुड़ा

सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि जांच में विशाल का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भी जुड़ा पाया गया। उसके मोबाइल फोन से बरामद चैट और दस्तावेजों से संकेत मिले हैं कि उसने इस विशेष सैन्य अभियान से संबंधित जानकारियां भी लीक की थीं। इससे स्पष्ट होता है कि वह किसी छोटे-मोटे नेटवर्क का हिस्सा नहीं, बल्कि एक संगठित जासूसी रैकेट का अहम कड़ी था।

पूछताछ जारी, कई एजेंसियां शामिल

विशाल यादव को जयपुर स्थित केंद्रीय पूछताछ केंद्र में रखा गया है, जहां सेना और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम उससे लगातार पूछताछ कर रही है। जांच का फोकस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान और लीक हुई जानकारी की मात्रा पर है।

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पब्लिश्ड 26 June 2025 at 12:46 IST