अपडेटेड 26 June 2025 at 14:00 IST
Monsoon Diet: मानसून की ठंडी फुहारें जहां मौसम को सुहाना बनाती हैं, वहीं साथ में कई बीमारियों का खतरा भी लातीं है। खासकर, इस मौसम में खानपान को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। बढ़ी हुई नमी के कारण सब्जियों में फंगस और कीटाणु पनपते हैं, जो पेट की बीमारियों, गैस, एसिडिटी और फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं।
बारिश में इन पर कीड़े और फंगस जल्दी लगते हैं। मिट्टी और गंदगी से भरपूर होने के कारण पेट में इंफेक्शन हो सकता है।
छोटे-छोटे फूलों में छिपे कीड़े और बैक्टीरिया इस मौसम में आसानी से नहीं दिखते, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
नमी में पनपने वाली यह सब्जी फंगस का मुख्य स्रोत बन जाती है और गलत ढंग से सेवन से पेट खराब हो सकता है।
इसमें मानसून में कीड़े लगना आम बात है। गहरे रंग के कारण कीटाणु नजर नहीं आते, जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
ब्रोकली में धूल और कीटाणु आसानी से फंसते हैं। इसे साफ करना मुश्किल होता है, जिससे पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
बारिश के मौसम में हल्की और सुपाच्य सब्जियों को को खाना चाहिए
ये सब्जियां आसानी से पचती हैं और संक्रमण का खतरा कम होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि मानसून में सब्जियों को अच्छी तरह धोकर, छीलकर और पूरी तरह पकाकर ही खाना चाहिए। कच्चे सलाद या अधपकी सब्जियों से बचें। मानसून में स्वाद से ज्यादा जरूरी है सेहत का ख्याल। सही सब्जियों का चयन कर आप संक्रमण और बीमारियों से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं।
पब्लिश्ड 26 June 2025 at 14:00 IST