अपडेटेड 2 July 2025 at 23:26 IST
Parliament Monsoon Session 2025: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जाएगा। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने भारत सरकार की ओर से प्रस्ताव रखा गया था। इसे उन्होंने मंजूरी दे दी। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी और नए विधेयक पारित किए जा सकते हैं। विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हंगामे की संभावना जताई है और सरकार से जवाब मांगा जा सकता है।
बता दें, पहले मानसून सत्र की तारीख 12 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक आयोजित करने की थी। हर बार मानसून सत्र 15 अगस्त से पहले खत्म हो जाता था। हालांकि, इसबार ऐसा नहीं होगा। मानसून सत्र के पहले दिन की शुरुआत सुबह 11 बजे होगी।
ऑपरेशन सिंदूर: सरकार का एक अहम मिशन, जिस पर देश और विदेश में चर्चा हो रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा मुद्दे: भारत की सुरक्षा और सीमा संबंधी मुद्दों पर चर्चा होगी।
अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई: सरकार और विपक्ष के बीच जनसरोकार के मुद्दों पर बहस हो सकती है।
महत्वपूर्ण विधेयक: डिजिटल कानून, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कानून पारित किए जा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से साझा जानकारी के अनुसार 13 और 14 अगस्त को संसद की बैठकें नहीं होंगी, क्योंकि इन दिनों स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाएगा। यह सत्र कुल 23 दिनों का होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, “भारत की माननीय राष्ट्रपति ने 21 जुलाई से 21 अगस्त, 2025 तक संसद का मानसून सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर 13 और 14 अगस्त को कोई बैठक नहीं होगी।” संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सभी जरूरी विषयों पर समावेशी और रचनात्मक चर्चा की योजना बनाई है और विपक्ष से सहयोग की अपील की है।
इससे पहले विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे पर इसी मानसून सत्र में चर्चा हो सकती है। अब देखना यह होगा कि संसद में चर्चा का माहौल सकारात्मक रहता है या हंगामेदार।
पब्लिश्ड 2 July 2025 at 23:26 IST