अपडेटेड 11 February 2024 at 18:08 IST
झूम के बरसेगी इस साल के मानसून की बारिश, मौसम वैज्ञानिकों ने बताई ये बड़ी वजह
Monsoon 2024: घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे भारत के मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस साल मानसून की बारिश पिछले साल की तुलना में बेहतर होगी।
- भारत
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Monsoon 2024: मौसम विज्ञानियों ने अनुमान जताया है कि 2023 को गर्म मौसम वाला वर्ष बनाने के बाद, ‘अल नीनो’ की दशाएं इस साल जून तक खत्म हो जाएंगी, जिससे इस बार मानसून की अच्छी बारिश होने की उम्मीद बढ़ गई है।
कम से कम दो वैश्विक जलवायु एजेंसियों ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि दुनिया भर के मौसम को प्रभावित करने वाला ‘अल नीनो’ कमजोर होना शुरू हो गया है और अगस्त तक ‘ला नीना’ की स्थिति बनने की संभावना है।
अल नीलो, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के जल के गर्म होने की प्रक्रिया है।
घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे भारत के मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि जून-अगस्त तक ‘ला नीना’ की स्थिति बनने का मतलब यह हो सकता है कि इस साल मानसून की बारिश पिछले साल की तुलना में बेहतर होगी।
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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि जून-जुलाई तक ‘ला नीना’ की स्थिति बनने की अच्छी संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि अल नीनो, ईएनएसओ(अल नीनो साउदर्न ओस्सीलेशन)-न्यूट्रल स्थितियों में परिवर्तित हो गया, तो भी इस वर्ष मानसून पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहेगा।’’
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भारत की वार्षिक वर्षा में लगभग 70 प्रतिशत दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है, जो कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यह सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 14 प्रतिशत है और देश की 1.4 अरब आबादी में से आधे से अधिक को रोजगार देता है।
अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस बारे में 79 प्रतिशत संभावना है कि ‘अल नीनो’ अप्रैल-जून तक ‘ईएनएसओ-न्यूट्रल’ में परिवर्तित हो जाएगा और जून-अगस्त में ‘ला नीना’ विकसित होने की 55 प्रतिशत संभावना है।
यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने पुष्टि की है कि ‘अल नीनो’ कमजोर पड़ने लगा है। ला नीना, अल नीनो का चक्रीय प्रतिरूप है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी शिवानंद पई ने कहा, ‘‘अभी, हम निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते। कुछ मॉडल, ला नीना का संकेत देते हैं, जबकि कुछ ईएनएसओ-न्यूट्रल दशाओं का संकेत दे रहे हैं। हालांकि, सभी मॉडल अल नीनो समाप्त होने का संकेत दे रहे हैं।’’
एनओएए ने कहा कि मजबूत अल नीनो परिघटना के बाद ला नीना की प्रवृत्ति रही है।
पई ने कहा कि यह मानते हुए कि अल नीनो 2024 की पहली छमाही तक जारी रहेगा, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने पहले पूर्वानुमान किया था कि यह वर्ष, 2023 से अधिक गर्म रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ला नीना विकसित होता है तो मौजूदा वर्ष, 2023 से ज्यादा गर्म नहीं होगा।’’
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कहा कि नवीनतम पूर्वानुमान जून तक ला नीना में त्वरित परिवर्तन का संकेत देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप समय पर और मानसून की अच्छी बारिश हो सकती है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 11 February 2024 at 18:08 IST