अपडेटेड 21 May 2025 at 08:43 IST
अब केरल नहीं भारत के इस राज्य में एक भी व्यक्ति अनपढ़ नहीं, 97 प्रतिशत साक्षरता के साथ पेश की शिक्षा की नई मिसाइल
दक्षिण राज्य केरल साक्षरता के मामले में अव्वल आता रहा है, मगर इस बार पूर्वोत्तर के राज्य ने बाजी मारते हुए देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा हासिल किया है।
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भारत में शिक्षा के क्षेत्र में पूर्वोत्तर राज्य ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दक्षिण राज्य केरल साक्षरता के मामले में अव्वल आता रहा है, मगर इस बार पूर्वोत्तर के राज्य ने बाजी मारते हुए देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा हासिल किया है। शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसका ऐलान किया है। तो हम आपको बताने जा रहे हैं उस राज्य का नाम जहां एक भी व्यक्तिअनपढ़ नहीं है और यहां साक्षरता की दर 97 प्रतिशत है।
भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मिजोरम ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मिजोरम देश का पहला राज्य बन गया है जिसे पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया हो। मिजोरम विश्वविद्यालय (MZU) में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मंगलवार को इसकी घोषणा की है। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी भी मौजूद थे। मिजरोम की साक्षरा दर बीते 14 सालों में 91.33 फीसदी से बढ़कर 98.2 फीसदी पहुंच गई है।
मिजोरम बना पहला पूर्ण साक्षर राज्य
सीएम लालदुहोमा ने मंगलवार, 20 मई 2025 को आधिकारिक तौर पर मिजोरम को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया, जो राज्य की शैक्षिक यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। इस उपलब्धि के साथ मिजोरम भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने पूर्ण साक्षरता हासिल की है। यह घोषणा राज्य की राजधानी आइजोल में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान की गई।
PFLS सर्वेक्षण के अनुसार शिक्षरता दर इतनी
20 फरवरी 1987 को राज्य का दर्जा प्राप्त करने वाले मिजोरम का भौगोलिक क्षेत्रफल 21,081 वर्ग किमी (8,139 वर्ग मील) है। 2011 की जनगणना के अनुसार, इसकी साक्षरता दर 91.33% दर्ज की गई, जो भारत में तीसरे स्थान पर है। इस मजबूत नींव पर निर्माण करते हुए, शेष गैर-साक्षर व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें शिक्षित करने के लिए उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) को लागू किया गया। अगस्त-सितंबर 2023 में पूरे राज्य में क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर (CRCC) द्वारा किए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में 3,026 गैर-साक्षर लोगों की पहचान की गई। इनमें से 1,692 शिक्षार्थी शिक्षण-शिक्षण गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगे हुए थे। इस हिसाब से, मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता का आंकड़ा पार कर लिया था, यानी भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा परिभाषित 95% से अधिक साक्षरता दर (पूर्ण साक्षरता के बराबर मानी जाती है)। 2023-24 के लिए PFLS सर्वेक्षण के अनुसार भी, मिजोरम की साक्षरता दर 98.20% है।
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क्या है उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम
बता दें कि उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम या न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) 2022-2027 तक लागू की जाने वाली एक केंद्र प्रायोजित योजना है। NILP 2020 के साथ संरेखित यह योजना उन वयस्कों (15 वर्ष और उससे अधिक आयु के) को लक्षित करती है जो स्कूल नहीं जा सकते। इस योजना के पांच घटक हैं- मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा। उल्लास योजना का विजन भारत को जन-जन साक्षर बनाना है और यह कर्तव्य बोध की भावना पर आधारित है और इसे स्वैच्छिकता के आधार पर लागू किया जा रहा है।
उल्लास योजना के तहत अब तक देश भर में 1.77 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी (नव साक्षर) मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता मूल्यांकन परीक्षा (FLNAT) में शामिल हो चुके हैं। उल्लास मोबाइल ऐप पर 2.37 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 40.84 लाख स्वयंसेवी शिक्षक पंजीकृत हैं। इससे पहले, 24.06.2024 को लद्दाख पूर्ण साक्षरता घोषित करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बनी थी।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 21 May 2025 at 08:43 IST