अपडेटेड 28 February 2025 at 19:00 IST
Badrinath Avalanche: मौसम विभाग ने पहले दे दी थी चेतावनी, फिर भी चमोली में क्यों नहीं बरती सावधानी, हादसे का जिम्मेदार कौन?
Avalanche News: इस आफत से पहले चंडीगढ़ स्थित DGRE ने गुरुवार को चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी।
- भारत
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Badrinath Avalanche Updates: उत्तराखंड के चमोली में बड़ा हादसा हो गया है। बद्रीनाथ में ग्लेशियर के टूटने से फंसे 57 मजदूरों में से 32 को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। सेना और ITBP के जवान लापता 25 लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। सीएम धामी खुद बचाव कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का कार्यालय भी सीएम के संपर्क में है। लेकिन बड़ी बात ये है कि इस आपदा के बारे में मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी।
उत्तर भारत के कई हिस्सों में शुक्रवार को हिमपात और बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। हिमपात और बारिश से जम्मू में दो लोगों की मौत हो गई और उत्तराखंड में हिमस्खलन में 25 मजदूर फंसे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में एक और हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि घटना स्थल पर स्थिति बेहद विपरीत बनी है। वहां 6-7 फीट तक बर्फ जमी हुई है। 65 लोगों की टीम वहां बचाव अभियान चला रही है।
हिमस्खलन की थी चेतावनी
इस आफत से पहले चंडीगढ़ स्थित रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (DGRE) ने गुरुवार शाम 5 बजे चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में 2,400 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर 24 घंटे की अवधि के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी। 24 घंटे हुए भी नहीं थे कि ये हादसा हो गया। इसके अलावा देहरादून स्थित मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह इन जिलों में 3,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर भारी बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया था।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, माणा और बद्रीनाथ के बीच स्थित BRO कैंप हिमस्खलन की चपेट में आया है। बद्रीनाथ से करीब तीन किलोमीटर दूर माणा भारत-तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है, जो 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
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NDRF की 4 टीम को भेजा गया
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले चमोली में 4 टीम भेजी है। NDRF के महानिदेशक पीयूष आनंद ने बताया कि इन टीम के अलावा, 4 अन्य इकाइयों को तैयार रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘बचाव अभियान शुरू किया गया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।’’
मुख्य सचिव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन, ITBP, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। मुख्य सचिव के अनुसार खराब मौसम और लगातार गिर रही बर्फ के कारण बचाव कार्य में मुश्किल आ रही है। खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में हेलीकॉप्टर सेवाएं भी नहीं मिल पाई।
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(भाषा इनपुट)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 28 February 2025 at 19:00 IST