अपडेटेड 27 December 2024 at 11:37 IST
मनमोहन सिंह ने PTI से इंटरव्यू में कहा था, देश की अर्थव्यवस्था अत्यधिक विनियमित है
भारत के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में प्रशंसित पूर्व PM मनमोहन सिंह ने 2019 में अपने अंतिम साक्षात्कार में से एक में देश की अर्थव्यवस्था को अत्यधिक विनियमित करार दिया।
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भारत के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में प्रशंसित पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2019 में अपने अंतिम साक्षात्कार में से एक में देश की अर्थव्यवस्था को ‘‘अत्यधिक विनियमित’’ करार देते हुए कहा था कि सरकार इसे नियंत्रित करती है, हस्तक्षेप बहुत अधिक बढ़ गया है और यहां तक कि नियामक भी ‘‘नियंत्रक में बदल गए हैं’’।
अपने उत्तराधिकारी नरेन्द्र मोदी के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने से कुछ दिन पहले पांच मई, 2019 को ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में सिंह ने आसन्न मंदी का संकेत देने के लिए तत्कालीन आर्थिक विकास के आंकड़ों का हवाला दिया था।
उन्होंने आर्थिक नीतियों में अदालतों के ‘‘बढ़ते हस्तक्षेप’’ पर भी निराशा जाहिर की और कहा कि कांग्रेस अर्थव्यवस्था को अलग तरीके से संभालती। सिंह 2004 से 2014 तक दो कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री रहे। उन्हें भारत की आर्थिक सुधार प्रक्रिया का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि…
उन्होंने आरोप लगाया था कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश की अर्थव्यवस्था की गतिशीलता के बारे में दूरदृष्टि या समझ का अभाव है, जिसके कारण नोटबंदी जैसे ‘‘विघटनकारी’’ फैसले लिए गए, जिसे उन्होंने पहले ‘‘संगठित लूट और वैधानिक डकैती’’ करार दिया था।
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सिंह ने यह भी कहा था कि लोग मौजूदा सरकार की हर दिन की बयानबाजी और दिखावटी बदलावों से ‘तंग’ आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस ‘‘भ्रम और दंभ भरी आत्मप्रशंसा’’ के खिलाफ बदलाव की लहर उठ रही है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा सरकार की समीक्षा और जवाबदेही का स्वागत करते रहे हैं, क्योंकि यह लोकतंत्र का अभिन्न अंग है।
सिंह ने दावा किया था कि आरोप लगने पर उन्होंने अपने ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। उन्होंने कहा था कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों के प्रति असंवेदनशील है, वह खुद को इसके लिए जवाबदेह नहीं मानती है। पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि मोदी सरकार पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के वादे पर सत्ता में आई थी।
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उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में ‘‘हमने भ्रष्टाचार को अकल्पनीय स्तर तक बढ़ते देखा है।’’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी संभवत: स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला था।
भारत के आर्थिक सुधारों के जनक और राजनीति की मुश्किल भरी दुनिया में आम सहमति बनाने वाले डॉ. सिंह का बृहस्पतिवार देर रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 27 December 2024 at 11:37 IST