अपडेटेड 20 May 2025 at 09:23 IST
क्या है 3 दिनों तक चलने वाला Shirui Lily Festival, किस राज्य में मनाया जाता है? जिसमें देश विदेश से भाग लेने आते हैं पर्यटक
शिरुई लिली फेस्टिवल संस्कृति, शांति और प्रकृति से जुड़ाव महसूस करवाता है, अगर आप नेचर लवर हैं या फिर ट्रैवलिंग के शौकीन हैं, तो ये फेस्टिवल आपकी लिस्ट में जरूर शामिल होना चाहिए।
- भारत
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Shirui Lily Festival: आज से मणिपुर के खूबसूरत उखरुल जिले में बेहद खास फेस्टिवल की शुरुआत हो रही है। जी हां इस फेस्टीवल का नाम है शिरुई लिली फेस्टिवल (Shirui Lily Festival)। ये सिर्फ कोई आम मेला या सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक ऐसा अनोखा फेस्टिवल है जो दुनिया में सिर्फ एक जगह उगने वाले फूल के नाम पर मनाया जाता है जिसका नाम है 'शिरुई लिली'। इस कार्यक्रम में न सिर्फ भारत भर से लोग आते हैं बल्कि विदेशों से भी यहां टूरिस्ट इस खास फेस्टिवल को अटेंड करने आते हैं, अक्सर लोग ऐसे फेस्टिवल की खोज में रहते हैं जहां सांस्कृतिक के साथ-साथ फूल एन्जोय किया जा सके।
'शिरुई लिली' फूल को आप कहीं और नहीं, सिर्फ मणिपुर की शिरुई पहाड़ियों में ही देख सकते हैं। यही वजह है कि इस फेस्टिवल को देखने देश-विदेश से हजारों लोग आते हैं, ट्रैवलर्स, एडवेंचर लवर्स और नेचर के दीवाने।
इस बार का थीम क्या ?
इस बार का थीम 'मानवता के लिए सौंदर्य' रखा गया है यानी इस फेस्टिवल के जरिए एक खूबसूरत सामाजिक संदेश दिया जा रहा है, प्यार, भाईचारा और शांति का। खास बात ये भी है कि 2 साल के लंबे इंतजार के बाद इस बार फिर से महोत्सव को बड़े जोश और कड़े सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू किया गया है।
फेस्टिवल में क्या-क्या देखने मिलेगा?
- शिरुई लिली के फूलों की ट्रेकिंग
- बाइकर रैली, कैंपिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स
- नगा जनजातियों के पारंपरिक डांस और म्यूजिक
- लोकल हस्तशिल्प और फूड स्टॉल्स
- और सबसे खास- ‘Say No to Drugs’ जैसे जागरूकता अभियान
शिरुई लिली के फूलों की ट्रेकिंग
बाइकर रैली, कैंपिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स
नगा जनजातियों के पारंपरिक डांस और म्यूजिक
लोकल हस्तशिल्प और फूड स्टॉल्स
सबसे खास- ‘Say No to Drugs’ जैसे जागरूकता अभियान

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नेचर लवर और ट्रेवलरों की लिस्ट में शामिल फेस्टिवल
इस बार यह महोत्सव 20 से 24 मई तक चलेगा, जिसमें कई कार्यक्रम शिरुई गांव, TNL ग्राउंड और फांगरेई जैसे खूबसूरत लोकेशनों पर होंगे। इस फेस्टिवल का मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि मणिपुर की संस्कृति, शांति और प्रकृति से जुड़ाव को एक साथ मनाना है। अगर आप नेचर लवर हैं या फिर ट्रैवलिंग के शौकीन हैं, तो ये फेस्टिवल आपकी लिस्ट में जरूर शामिल होना चाहिए। क्योंकि ये सिर्फ फेस्टिवल नहीं, एक अनुभव है। फूलों से, पहाड़ों से और इंसानियत से जुड़ने का।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 20 May 2025 at 09:11 IST