अपडेटेड 31 July 2025 at 08:58 IST

Malegaon Blast Case: साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित दोषी या निर्दोष? NIA कोर्ट आज सुनाएगा फैसला; 2008 धमाके में गई थी 6 लोगों की जान

महाराष्ट्र के मालेगांव विस्फोट के 17 साल बाद, मुंबई की एक विशेष NIA अदालत आज इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। इस धमाके में 6 लोगों की जान चली गई थी।

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 Malegaon bomb blast case
मालेगांव ब्लास्ट केस पर आज आएगा फैसला | Image: ANI

महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008  में हुए बम धमाके की घटना पर NIA कोर्ट, आज गुरुवार को अहम फैसला सुनाएगा। 17 साल के लंबे इंतजार के बाद इस केस पर अपना फैसला सुनाएगी। बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (सेवानिवृत्त) सहित 7 लोग इस मामले में आरोपित हैं। अदालत ने 19 अप्रैल को इस केस की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।


29 सितम्बर 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम धमाके की घटना को 17 साल बीत चुके हैं। एक भीड़-भाड़ वाले इलाके में बम विस्फोट में 6 लोगों की जान चली गई थी। 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। धमाका उस समय हुआ था जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ने जा रहे थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित सात लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया। उन पर आतंकवाद, हत्या और धार्मिक उन्माद फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगे।

मालेगांव धमाके पर आज आएगा फैसला

इस मामले की जांच शुरुआत में पुलिस की तरफ शुरू की गई थी, हालांकि बाद में पूरी जांच ATS को सौंप दी गई। जांच में यह सामने आया था कि जो धमाका हुआ था,  वह एलएमएल फ्रीडम (MH15P4572) नंबर की बाइक में हुआ था। मामले की जांच में FSL की टीम ने गाड़ी का सही नबंर पता लगाया। जांच में सामने आया कि यह गाड़ी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम है। घटना के एक महीने बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के साथ 2 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूरे मामले 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि साध्वी प्रज्ञा को मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया।

 कई गवाह अपने बयानों से पलटे

लंबे समय तक चले इस मुकदमे में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। शुरुआत में जांच एजेंसियों ने दावा किया कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं, लेकिन जैसे-जैसे ट्रायल आगे बढ़ा, कई गवाह अपने बयानों से पलट गए। इससे मामला कमजोर पड़ता चला गया। अभ मामले में विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने सभी आरोपितों को 31 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिया है।

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17 साल की लंबे इंतजार के बाद फैसला का दिन

17 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद, आज एनआईए की विशेष अदालत इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है।स्पेशल कोर्ट में आने वाले इस फैसले के कारण परिसर की अन्य अदालतों को उस दिन अन्य मामलों की सुनवाई स्थगित रखने या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करने को कहा गया है।  सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अदालत आरोपियों को दोषी ठहराएगी या सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर देगी।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 31 July 2025 at 08:58 IST