अपडेटेड 3 December 2024 at 11:51 IST
Maharashtra: गांव वालों को EVM पर हुआ शक, खुद चुनाव कराने का कर दिया ऐलान, प्रशासन के फूले हाथ-पैर
सोलापुर जिले के मरकरवाडी गांव के लोगों ने बैलेट पेपर से पुनर्मतदान कराने का फैसला लिया। ग्रामीणों को EVM के नतीजों पर शक है।
- भारत
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Maharashtra Assembly Election : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति ने रिकॉर्ड जीत हासिल की। नतीजे आने के बाद हर बार की तरह इस बार भी विपक्ष EVM पर सवाल उठा रही है। इस बीच महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के एक गांव में ग्रामीणों ने पुनर्मतदान की योजना बनाई है, क्योंकि हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर उन्हें शक है। अब ग्रामीणों के इस ऐलान ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
सोलापुर जिले के मरकरवाडी गांव के लोगों ने बैलेट पेपर से अनाधिकारिक मतदान करवाने का फैसला किया है। गांव वालों को EVM के नतीजे पर शक है, इसी वजह से वो अनोखा प्रयोग करने जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बैलेट पेपर से पुनर्मतदान के बैनर भी लगा दिए हैं। हालांकि, प्रशासन ने इस इलाके में पुनर्मतदान रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दिया है।
ग्रामीणों को EVM पर संदेह
ग्रामीणों ने दावा किया है कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मालशिरस विधानसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के विजेता उत्तम जानकर को मरकरवाडी गांव में अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते के मुकाबले 80 फीसदी से अधिक वोट मिले। उन्होंने कहा कि हालांकि, ईवीएम वोटिंग के अनुसार, जानकर को 1,003 वोट मिले, जबकि सतपुते को उनसे कुछ ही कम 843 मत मिले। उन्होंने दावा किया कि सतपुते को उनके गांव से 100-150 से अधिक वोट नहीं मिले होंगे।
बैलेट पेपर से मतदान का किया ऐलान
महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हुए थे। 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी जिसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए थे। उत्तम जानकर ने सतपुते को 13,147 मतों से हराया। मगर गांव वालों का कहना है कि ईवीएम के नतीजे संदिग्ध हैं। ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मतपत्रों का उपयोग करके पुनर्मतदान के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया।
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गांव में लगाया पुनर्मतदान का बैनर
प्रशासन की ओर अनुरोध अस्वीकार करने पर ग्रामीणों ने गांव में बैनर लगाए हैं जिसमें दावा किया गया है कि तीन दिसंबर को पुनर्मतदान होगा। हालांकि इस घटना को संज्ञान में लेते हुए मालशिरस एसडीएम ने सोमवार को इलाके में सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत 2 से 5 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी, ताकि इस पुनर्मतदान योजना के कारण समूहों के बीच किसी भी संघर्ष से बचा जा सके। राज्य में 5 दिसंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण होना है। इससे पहले ग्रामीणों के ऐलान से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 3 December 2024 at 11:49 IST