अपडेटेड 25 October 2025 at 20:17 IST
Satara Suicide Case: महिला डॉक्टर खुदकुशी मामले में CM फडणवीस बोले- आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा
डॉक्टर सतारा के एक सरकारी अस्पताल में तैनात थी। वह एक होटल के कमरे में फांसी पर लटकी मिली। अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में डॉक्टर ने आरोप लगाया कि पिछले पांच महीनों से एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर और एक टेक्नीशियन ने उसके साथ रेप किया और उसे मानसिक रूप से परेशान किया।
- भारत
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महाराष्ट्र में एक महिला डॉक्टर के सुसाइड के मामले ने सरकार पर विपक्ष के हमले को तेज कर दिया है। इस मामले पर CM देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा, "यह बहुत गंभीर मामला है। एक युवा डॉक्टर ने आत्महत्या करने से पहले अपने हाथ पर सुसाइड नोट लिखा। यह बहुत दुखद है, और सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, और गिरफ्तारियां भी की जा रही हैं। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सख्त कार्रवाई की जाएगी... ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करना बहुत गलत है।"
मरने से पहले लिखा सुसाइड नोट
मालूम हो कि सतारा में महिला डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया था, और अपने हाथ पर एक नोट लिखा जिसमें एक पुलिस अधिकारी और दो अन्य लोगों के नाम थे। इस बीच, मामले के आरोपियों में से एक प्रशांत बांकर को 28 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।
डॉक्टर सतारा के एक सरकारी अस्पताल में तैनात थी। वह एक होटल के कमरे में फांसी पर लटकी मिली। अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में डॉक्टर ने आरोप लगाया कि पिछले पांच महीनों से एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर और एक टेक्नीशियन ने उसके साथ रेप किया और उसे मानसिक रूप से परेशान किया। उसने लिखा कि सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने ने कई बार उसके साथ रेप और सेक्शुअल हैरेसमेंट किया, और एक और आदमी, प्रशांत बांकर, जो पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया।
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पुलिस ने क्या कहा
इससे पहले, इस मामले पर बात करते हुए SP दोशी ने कहा, "एक महिला डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया। उसके हाथ पर एक नोट मिला जिसमें दो लोगों के नाम लिखे थे, जिसमें एक पुलिस कर्मी भी शामिल है। उनके खिलाफ रेप और सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। आरोपी पुलिसकर्मी को ड्यूटी से सस्पेंड कर दिया गया है। हमारी टीमें दोनों आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। पूरी जांच की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
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पीड़िता के चचेरे भाई ने आरोप लगाया कि डॉक्टर पर उसके काम से जुड़ा राजनीतिक दबाव था। चचेरे भाई ने बताया, "उस पर गलत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बनाने के लिए पुलिस और राजनीतिक दबाव था। उसने इसकी शिकायत करने की कोशिश की थी। मेरी बहन को न्याय मिलना चाहिए।"
एक और चचेरे भाई ने इसमें शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग की। उन्होंने कहा, "आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।" इसके अलावा, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने डॉक्टर की मौत की निंदा की है और इस घटना की तुरंत और पारदर्शी जांच की मांग की है।
Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 25 October 2025 at 20:15 IST