अपडेटेड 22 May 2024 at 09:49 IST
अय्याश रईसजादा! शराब के लिए 90 मिनट में उड़ाए 48 हजार रुपए, पुणे पोर्श कार कांड में नया खुलासा
पुलिस ने बताया कि शराब (Liquor) के नशे में दो इंजीनियरों को रौंदने वाले 17 साल के लड़के ने एक पब (Pub) में मात्र 90 मिनट के भीतर 48 हजार रुपए खर्च किए थे।
- भारत
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Pune Porsche Horror: पुणे में हुए पोर्श कांड को लेकर पुलिस ने नए खुलासे किए हैं। पुलिस ने बताया कि शराब (Liquor) के नशे में दो इंजीनियरों को रौंदने वाले 17 साल के लड़के ने एक पब (Pub) में मात्र 90 मिनट के भीतर 48 हजार रुपए खर्च किए थे।
जानकारी ये भी सामने आई है कि पोर्श टायकन कार (Porsche taycan car) की रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराई गई थी। आपको बता दें कि रविवार तड़के पोर्श कार ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में मोटरसाइकिल सवार दो आईटी प्रोफेशनल्स अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी। दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे।
1 पब, 90 मिनट और नशे के लिए खर्च किए 48 हजार रुपए
पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि लड़के ने पहले कोजी पब में 48000 हजार रुपए खर्च कर दिए। पुलिस चीफ ने बताया कि पुणे के एक बड़े बिल्डर के 17 साल के बेटे ने टक्कर से पहले दो पबों में जमकर शराब पी थी।
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पुलिस के मुताबिक नाबालिग आरोपी और उसके दोस्त शनिवार शाम 10.40 बजे कोजी पब गए थे। जब कोजी पब ने उसे सर्विस देना बंद कर दिया तो इसके बाद वे रात 12.10 बजे दूसरे पब ब्लैक मैरियट के लिए रवाना हुए। पुलिस चीफ ने कहा, ‘हमें पब का 48,000 रुपये का बिल मिला है, जिसका भुगतान आरोपी नाबालिग ने किया था। बिल में नाबालिग और उसके दोस्तों को पब में परोसी गई शराब की कीमत भी शामिल है।’
हादसे में जान गंवाने वाले आईटी प्रोफेशनल्स की परिजनों की मांग
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पोर्श दुर्घटना में जान गंवाने वालों के माता-पिता ने आरोपी लड़के के साथ-साथ उसके माता-पिता को उनके बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है। अश्विनी मध्य प्रदेश के जबलपुर की थी, जबकि अनीश उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली के थे।
अश्विनी की गमगीन मां ममता कोष्टा ने बेटी का अंतिम संस्कार करने के बाद बताया, "हमें उसकी शादी के बाद उसे पालकी में ( दूल्हे के घर) विदा करना था, लेकिन अब हमें उसके शव को अर्थी पर ले जाने के लिए मजबूर किया गया।" उन्होंने कहा, "हम अश्विनी के लिए न्याय चाहते हैं। नाबालिग लड़के और उसके माता-पिता को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने उसे ठीक से बड़ा नहीं किया...उन्हें उसे कार नहीं देनी चाहिए थी।"
जब उनसे पूछा गया कि किशोर न्याय बोर्ड ने लड़के को निबंध लिखने के लिए कहकर छोड़ दिया है, तो उन्होंने पलटकर कहा, " यह क्या मजाक है? वह क्या निबंध लिखेगा? एक मजाक चल रहा है।" उन्होंने अश्विनी को "बहुत प्रतिभाशाली लड़की" के रूप में याद किया। उसकी मां ने अश्रुपूरित नेत्रों से कहा, ‘‘’ वह लाखों में एक थी। उसके बहुत सारे सपने थे। अब सब कुछ यहीं रह गया।’’
अश्विनी के पिता सुरेश कोष्टा ने कहा, "(पुणे पुलिस) आयुक्त को हटाने से क्या होगा। जब तक कानून सभी के लिए ठीक से लागू नहीं किया जाएगा, अन्य भी ऐसा ही करेंगे।"
यह पूछे जाने पर कि लड़के के पिता की गिरफ्तारी के बाद वे चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाए, उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनी प्रणाली के उपायों का उचित कार्यान्वयन भी पर्याप्त होगा।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 22 May 2024 at 09:32 IST