अपडेटेड 31 July 2025 at 17:53 IST
Malegaon Blast: भगवा आतंक गढ़ने वाले चिदंबरम, दिग्विजय और राहुल जैसे लोगों को चौराहे पर कौन सी सजा होनी चाहिए? फैसले पर बोलीं उमा भारती
Uma Bharti on Malegaon Blast Case Verdict: मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले पर मध्य प्रदेश की पूर्व CM उमा भारती ने कहा कि जो साध्वी प्रज्ञा के साथ हुआ वो इतना शर्मनाक, इतना यातनादायक था कि कोई बड़ी मुश्किल से उस प्रताड़ना को झेल सकता था।
- भारत
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Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद मध्य प्रदेश की पूर्व CM उमा भारती कांग्रेस पर बरस पड़ी। उन्होंने पूर्व BJP सांसद को जेल में दी गईं यातनाओं का जिक्र किया और कहा कि चिदंबरम, दिग्विजय और राहुल गांधाी को सजा देने की भी मांग की।
2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आज कोर्ट का बड़ा फैसला आया। 17 साल बाद इस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी किया।
'साध्वी प्रज्ञा को जेल में बुरी तरह किया गया प्रताड़ित'
कोर्ट के इस फैसले पर BJP नेता उमा भारती ने खुशी जताई। वे इस पर बात करते हुए रो भी पड़ीं। उमा भारती ने कहा, "मैं इतनी खुश हूं कि मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। जब प्रज्ञा नासिक जेल में थीं, मुझे एक पुलिस अधिकारी के जरिए पता लगा कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था।"
उन्होंने आगे कहा, "कोई प्रज्ञा से मिलने नहीं जाता था। मैं उनसे मिलने गई थी। जब मैं उनसे मिली तो फूट-फूटकर रोई...। जो प्रज्ञा के साथ हुआ वो इतना शर्मनाक, इतना यातनादायक था कि कोई बड़ी मुश्किल से उस प्रताड़ना को झेल सकता था।"
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'जिन्होंने गढ़ा भगवा आतंकवाद शब्द, उन्हें...'
उमा भारती ने आगे कहा कि अब मैं पूछना चाहती हूं कि पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी, वामपंथी, समाजवादी और कांग्रेस के नेताओं, जिन्होंने 'भगवा आतंकवाद' शब्द को गढ़कर स्थापित करने की कोशिश की, आज उनको चौराहों पर खड़े करके कौन-सी सजा होनी चाहिए? उनके खिलाफ असाधारण कार्रवाई की जानी चाहिए।
भगवा की जीत हुई- साध्वी प्रज्ञा
इससे पहले कोर्ट के फैसले पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि साजिश करके भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और ईश्वर दोषियों को सजा देगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे जांच के लिए बुलाया गया और मुझे गिरफ्तार करके प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया।
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बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में धमाके में 6 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। NIA की विशेष अदालत ने सबूत के अभाव में सभी आरोपियों को बरी किया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि न तो बम मिला, न RDX और न ही कोई फिंगरप्रिंट। इस मामले में ATS और NIA की चार्जशीट में काफी अंतर है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 31 July 2025 at 17:53 IST