अपडेटेड 7 July 2025 at 00:51 IST
MP News : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले से एक ऐसी दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने ना केवल स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। एक ही रात में पिता और पुत्र की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत ने ग्रामीणों के बीच भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। बेटे की हत्या गांव के बाहर बड़े ही रहस्यमय तरीके से गला रेतकर सिर को धड़ से अलग करके की गई है। इस घटना में नरबलि की आशंका ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
ये पूरा मामला चंदेरा थाना क्षेत्र के विजयपुर गांव का है। ये निर्मम हत्या गांव के गोंड बब्बा देव स्थान के पास की गई है। जहां ग्रामीणों की नजर एक धड़ से अलग किए गए सिर वाली लाश पर पड़ी। मृतक की पहचान 32 साल के अखिलेश कुशवाहा के रूप में हुई, जो अपने परिवार के साथ गांव के बाहर खेत पर बने मकान में रहता था। अखिलेश का सिर धड़ से अलग कर एक चट्टान पर सीधा रखा गया था, जो इस हत्या की क्रूरता और रहस्यमयता को दर्शाता है।
मृतक के भाई और ग्रामीणों ने नरबलि की आशंका जताई है। जिस जगह इस हत्या को अंजाम दिया गया, वहां से करीब 500 मीटर की दूरी पर देव स्थान है। जहां ग्रामीण विशेष अवसरों पर पूजा-पाठ करते हैं। घटनास्थल पर पुलिस ने एक चिलम, माचिस, नारियल और पूजा-पाठ से संबंधित सामग्री बरामद की है। इन सामग्रियों की मौजूदगी ने ग्रामीणों और मृतक के परिजनों में नरबलि की आशंका को और बल दिया है।
वहीं, उसी रात अखिलेश के पिता का शव भी उनके घर पर मिला। हालांकि, पिता लंबे समय से बीमार बताए जा रहे थे, लेकिन उनकी मौत को भी संदिग्ध माना जा रहा है। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
हत्यारे ने मृतक की गर्दन को काटकर धड़ से अलग कर सिर को एक स्थान पर सीधा रखा था। इस घटना ने गांव में भय का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। लोग इसे तांत्रिक क्रिया से जोड़ रहे हैं। गोंड बब्बा देव स्थान, जो कभी गांव की आस्था और एकजुटता का प्रतीक था, अब इस भयावह घटना के कारण चर्चा का केंद्र बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की क्रूर हत्या पहले कभी नहीं देखी गई, और पूजा-पाठ सामग्री की मौजूदगी ने उनके मन में अंधविश्वास से जुड़े सवालों को जन्म दिया है।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में अंधविश्वास और तांत्रिक प्रथाओं से जुड़े गंभीर सवाल खड़े किए हैं। 21वीं सदी में भी अगर नरबलि जैसी बर्बर प्रथाएं मौजूद हैं, तो यह हमारे समाज की जागरूकता और प्रगति पर सवाल उठाता है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक नरबलि को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पुलिस की जांच से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह क्रूर हत्या अंधविश्वास का परिणाम है या इसके पीछे कोई और साजिश।
पब्लिश्ड 7 July 2025 at 00:51 IST