अपडेटेड 5 July 2025 at 00:20 IST
दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार लेकर पूरी की साइबर ठगों की डिमांड, अंत में ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर किया सुसाइड
बुजुर्ग ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर साइबर ठगों को दिए थे। जब डिमांड बढ़ी तो परेशान होकर लाइसेंसी बंदूक से सिर में गोली मारी ली, उनकी आधी खोपड़ी उड़ गई।
- भारत
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MP News : सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं रहे हैं। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के मुताबिक हर दिन 6000 से भी अधिक लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। स्कैमर्स लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके खोज लाते हैं। ये ठगी लोगों की जिंदगी निगल रही है और परिवारों को तबाह कर रही है।
ताजा मामला मध्य प्रदेश के रीवा से सामने आया है। साइबर ठगी का शिकार हुए एक बुजुर्ग ने परेशान होकर अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या करली। साइबर ठग पैसे के लिए उन्हें लगातार ब्लैकमेल कर रहे थे। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। साइबर ठगी का ये मामला बताता है कि ठगों को पुलिस और कानून का जरा भी खौफ नहीं है।
लालच में ठगी का शिकार
साइबर ठगों ने पहले बुजुर्ग को रुपये देने का लालच दिया था, बाद में वर्दी पहनकर वीडियो कॉलिंग से लगातार परेशान करने लगे। मृतक करीब 50 से 60 हजार रुपए ठगों को दे चुके थे। मृतक के दामाद उमेश गुप्ता उर्फ गुड्डू ने बताया कि उनके ससुर ने अपने दोस्त और कई रिश्तेदारों से करीब 37 हजार 770 रुपये उधार लेकर ठगों के मोबाइल नंबर 8955504415 पर ट्रांसफर किए थे। इसके बाद भी लगातार उन्हें परेशान किया जा रहा था। मृतक के दामाद ने उन्हें कोतवाली में शिकायत दर्ज करने की सलाह दी थी। इससे पहले कि शिकायत दर्ज कर पाते ठगों ने इतना दबाव बनाया की उन्होंने खुदकुशी कर ली।
साइबर ठगी से कैसे बचें?
साइबर ठगी से बचने के लिए आपकी सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। किसी भी अनजान लिंक, ईमेल या मैसेज पर क्लिक न करें। फिशिंग स्कैम से बचने के लिए लिंक को खोलने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांचें। मजबूत पासवर्ड और दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) का इस्तेमाल करें। अपने डिवाइस और सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें, ताकि सुरक्षा कमजोरियों का फायदा न उठाया जा सके। ऑनलाइन खरीदारी या लेनदेन के लिए केवल HTTPS वाली वेबसाइट्स का उपयोग करें।
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अनजान नंबरों या ईमेल से आए ऑफर, लॉटरी या तत्काल कार्रवाई की मांग करने वाले संदेशों से सावधान रहें। बैंक खाता, OTP या पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। ठगी होने पर तुरंत बैंक, पुलिस या साइबर क्राइम सेल (1930) से संपर्क करें और शिकायत दर्ज करें।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 5 July 2025 at 00:20 IST