अपडेटेड 26 August 2025 at 17:47 IST

MP: गरीबों के मुफ्त राशन में अमीरों की सेंधमारी, खाद्य विभाग की जांच में 6 लाख 16 हजार लोग पात्र नहीं, सिंधिया बोले- होगी सख्त कार्रवाई

Mp News : मध्य प्रदेश में राशन घोटाला गरीबों के हक पर डाका डालने जैसा का एक गंभीर मामला है। जांच में सामने आया है कि आर्थिक रूस से संपन्न लोग फ्री राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं।

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Ration scam in Madhya Pradesh 6 lakh 16 thousand people found ineligible in investigation
गरीबों के मुफ्त राशन में अमीरों की सेंधमारी | Image: AI Generated Image

सत्य विजय सिंह की रिपोर्ट
Mp ration scam : गरीब परिवारों का पेट भरने के लिए सरकार हजारों करोड़ रुपये खर्च करके फ्री राशन योजना चला रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राशन मिल सके। अब मध्य प्रदेश में बड़ा ‘राशन घोटाला’ सामने आया है। मध्य प्रदेश में गरीबों के लिए मुफ्त राशन की योजना का दुरुपयोग हो रहा है।

जो लोग टैक्स भरते हैं, जिनके पास बड़े-बड़े घर और चमचमाती कारें हैं। ऐसे लोग कागजों में गरीब बनकर मुफ्त राशन योजना का लाभ रहे हैं। यह घोटाला न केवल गरीबों के हक को छीन रहा है, बल्कि सरकारी योजनाओं पर भी सवाल उठा रहा है।

आंकड़ों में घोटाले की सच्चाई

  • मध्य प्रदेश में कुल NFSA कार्ड: 5 करोड़, 27 लाख से अधिक
  • अपात्र कार्ड धारक: 6 लाख, 16 हजार से ज्यादा
  • भोपाल में कुल कार्ड धारक: 14 लाख से अधिक, 13 हजार से ज्यादा अपात्र
  • जांच का समय: 3 जून, 2025 से 18 अगस्त, 2025

राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन दिया जाता है। लेकिन इस योजना का लाभ उन लोगों तक पहुंच रहा है, जो वास्तव में इसके हकदार नहीं हैं।

नलखेड़ा गांव की हकीकत

ग्राउंड जीरो का सच जानने के लिए रिपब्लिक की टीम भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर नलखेड़ा गांव में पड़ताल करने पहुंची। इस गांव में 200 से ज्यादा लोगों को अपात्र होने के नोटिस भेजे गए हैं। गांव में कई ऐसे घर मिले, जहां दो-दो कारें, बड़े-बड़े पक्के मकान और लग्जरी जीवनशैली थी, लेकिन कागजों में ये लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं।

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एक घर के बाहर चमचमाती दो कारें खड़ी थीं। दरवाजा खटखटाने पर एक महिला घूंघट में निकलीं और उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वे मुफ्त राशन ले रहे हैं। गांव की एक गली में कई ऐसे 'गरीब' परिवार मिले, जिनके पास पक्के मकान और कारें हैं, फिर भी वे मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं।

30-40% संपन्न लोग उठा रहे लाभ

गांव में गरीब और पात्र लोगों ने बताया कि उनके गांव में 30 से 40 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो आर्थिक रूप से संपन्न होने के बावजूद भी मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है, लेकिन डर के कारण किसी का नाम बताने से बचते रहे। वहीं, अपात्र लोग कैमरा देखते ही या तो दरवाजे बंद कर लेते हैं या बात करने से कतराते हैं।

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गांव में राशन वितरण करने वाले भगीरथ ने बताया कि वे लिस्ट में नाम देखकर राशन बांटते हैं। कुछ लोगों को नोटिस मिले हैं और कुछ ने जवाब भी दिया है। उनके मुताबिक, कई लोग पहले गरीब थे, जब उनका नाम लिस्ट में जोड़ा गया था, लेकिन अब वे संपन्न हो चुके हैं फिर भी राशन ले रहे हैं।

नेताओं ने क्या कहा?

इस पूरे मामले पर जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा- “गरीब का अन्न चुराना सबसे बड़ा गुनाह है। इस फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई होगी।” मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- “यह गलत है। सर्वे जारी है, अपात्र लोगों को बाहर किया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी।” वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरते हुए कहा- “यह मोहन सरकार की साजिश है। पहले लाडली बहनों के नाम काटे गए, अब पात्र गरीबों के नाम काटे जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है।”

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 26 August 2025 at 17:47 IST