अपडेटेड 4 March 2025 at 21:47 IST

MP: नवजात बच्ची के धर्म परिवर्तन का सनसनीखेज मामला, मां की मौत पर मुस्लिम परिवार ने बच्ची का नाम रख दिया फातिमा और फिर...

आरोप है कि मुस्लिम परिवार ने हिंदू बच्ची का नाम बदलकर अस्पताल में भर्ती कराया। परिवार ने बच्ची को अस्पताल के एनसीआर वार्ड में फातिमा नाम से भर्ती कराया।

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newborn girl religious conversion in Sagar MP
नवजात बच्ची के धर्म परिवर्तन का आरोप | Image: Video Grab

Religious conversion : मध्य प्रदेश के सागर से ढाई महीने की बच्ची के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। आरोप है कि मां की मौत के बाद एक मुस्लिम महिला उसे उठाकर ले गई। सागर जिला अस्पताल में मदद के नाम पर नवजात बच्ची को अवैध रूप से गोद लेकर उसका धर्म परिवर्तन कर दिया। मामले के खुलासे के बाद बाल कल्याण समिति और हिंदू संगठनों ने विरोध जताया है।

ये पूरा मामला बच्ची को अवैध रूप से गोद लेने उसका धर्म बदलने का है। आरोप है कि अस्पताल में एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसी बीच एक परिवार ने महिला की ढाई महीने की बेटी को चुराकर उसी अस्पताल में अलग नाम और पहचान के साथ भर्ती कराते हुए खुद को उसका संरक्षक बताया। इसी दौरान पता चला कि मृतक महिला की बेटी गायब हो गई है। इसके बाद मौके पर पहुंची बाल कल्याण समिति ने पुलिस की मदद से लापता बच्ची को बरामद किया।

बच्ची का नाम रखा फातिमा

मामले का खुलासा होने के बाद मंगलवार दोपहर को बाल कल्याण समिति और हिंदू संगठनों ने जिला अस्पताल पहुंचकर विरोध जताया। वही बच्ची को मातृछाया आश्रम भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक रेलवे स्टेशन से एक महिला को गंभीर हालत में इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत के बाद उसी वार्ड में भर्ती एक मुस्लिम परिवार ने नवजात की देखभाल शुरू कर दी।

आरोप है कि मुस्लिम परिवार ने बच्ची हिंदू होने के बाद भी अस्पताल के एनसीआर वार्ड में फातिमा नाम से भर्ती कराया। जांच में पता चला कि अस्पताल के दस्तावेजों में बच्ची का नाम और माता-पिता का नाम बदल दिया गया था, जब बाल कल्याण समिति को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने बच्ची को रेस्क्यू किया।

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'हमने ली बच्ची की जिम्मेदारी'

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर आरएस जयंत ने बताया कि बच्ची का अवैध रूप से एडॉप्शन किया गया है। बच्ची को अपने कब्जे में रखने वाले परिवार की शबाना ने बताया कि हम वार्ड में भर्ती थे। वहीं पर बच्ची की मां भी भर्ती थी, महिला और बच्ची गंदगी में पड़े थे। उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था। हमने बच्ची की देखभाल शुरू की और उसे साफ किया।

शबाना के मुताबिक- मां को कपड़े दिए, खाना खिलाया, बच्ची की तबीयत बहुत खराब थी। डॉक्टर को भर्ती करने के लिए बोला, तो उन्होंने कहा कि कोई जिम्मेदारी लेगा तो बच्ची को भर्ती करेंगे। इसके बाद बच्ची को बचाने के लिए हमने उसकी जिम्मेदारी ली और नाम लिखाकर भर्ती कर दिया था। हमें बच्ची का नाम पता नहीं था, हमपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि हमने बच्ची को चुराया है। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 4 March 2025 at 21:47 IST