अपडेटेड 11 April 2025 at 19:10 IST
'विकास यात्रा में कई देश अपनी संस्कृति से कट गए, लेकिन हमें अपनी पुरातन संस्कृति को बचा कर रखना है', PM मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ऋषियों, मनीषियों और संतों की धरती बताई। साथ ही देश में अपनी पुरातन संस्कृति को संरक्षित करके रखने का संदेश दिया।
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PM Modi in Anandpur Dham: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 11 अप्रैल को मध्य प्रदेश के आनंदपुर धाम में सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत को ऋषियों, मनीषियों और संतों की धरती बताई। साथ ही देश में अपनी पुरातन संस्कृति को संरक्षित करके रखने का संदेश दिया।
पीएम मोदी ने अशोकनगर जिले के ईसागढ़ तहसील में श्री आनंदपुर धाम स्थित मंदिर परिसर का भी दौरा किया। इसके बाद धाम में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ एक परंपरा बन चुका हो, जहां सेवा के संकल्प मानवता के कल्याण का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं है। इसलिए हमारे संतों ने अशोक नगर के बारे में कहा था कि यहां शोक आने से डरता है। मुझे खुशी है कि आज यहां बैसाखी और श्री गुरु महाराज जी के अवतरण दिवस के उत्सव में मुझे शामिल होने का अवसर मिला है।
भारत ऋषियों, मनीषियों और संतों की धरती- पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा कि हमारा भारत ऋषियों, मनीषियों और संतों की धरती है। जब-जब हमारा भारत, हमारा समाज किसी मुश्किल दौर से गुजरता है, कोई न कोई ऋषि, मनीषी इस धरती पर अवतरित होकर समाज को नई दिशा देता है। हम पूज्य स्वामी अद्वैतानंद महाराज जी के जीवन में भी इसकी झलक देख सकते हैं। एक समय था, जब आदि शंकराचार्य जैसे आचार्यों ने अद्वैत दर्शन के गहरे ज्ञान की व्यख्या की थी।
पीएम ने कहा कि इसी परंपरा में पूज्य अद्वैतानंद जी महाराज ने भारत के जन सामान्य तक इसे पहुंचाने का बीड़ा उठाया। महाराज जी ने अद्वैत के ज्ञान को हम सभी के लिए और सरल बनाया, उसे सामान्य मानवी के लिए और सुलभ कर दिया।
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'कई देश विकास यात्रा में अपनी संस्कृति से कट गए'
उन्होंने आगे बड़ा संदेश देते हुए कहा कि दुनिया के कई देश विकास यात्रा में अपनी संस्कृति से कट गए, उन्होंने अपनी परंपराएं भुला दीं। भारत में हमें अपनी पुरातन संस्कृति को संरक्षित करके रखना है। हमें ध्यान रखना है, भारत जैसे देश में हमारी संस्कृति केवल हमारी पहचान से ही नहीं जुड़ी है। हमारी संस्कृति ही हमारे सामर्थ्य को मजबूती देती है।
‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र सरकार की नीति- PM
पीएम मोदी ने कहा कि गरीब और वंचित के उत्थान का संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र, सेवा की भावना, आज सरकार की नीति भी है और निष्ठा भी है। जब हम सेवा के संकल्प से जुड़ते हैं, तो हम केवल दूसरों का भला ही नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि सेवा की भावना हमारे व्यक्तित्व को भी निखारती है, हमारी सोच को व्यापक बनाती है।
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Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 11 April 2025 at 19:10 IST