अपडेटेड 16 December 2025 at 16:28 IST

MP: सतना जिला अस्पताल की घोर लापरवाही, थैलेसीमिया पीड़ित 4 मासूमों को चढ़ा दिया HIV संक्रमित ब्लड, सभी हो गए पॉजिटिव; परिवार पर 'वज्रपात'

सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। थैलेसीमिया से पीड़ित चार मासूम बच्चों को करीब चार महीने पहले HIV पॉजिटिव खून चढ़ा दिया गया। अब ये बच्चे आजीवन इस लाइलाज बीमारी से ग्रसित हो गए। दूसरी चिंता की बात ये है कि संक्रमित डोनर का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

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Gross negligence at Satna District Hospital 4 children with thalassemia were transfused HIV-infected blood
सतना जिला अस्पताल की घोर लापरवाही | Image: ANI

HIV Case Satna : मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल की लापरवाही ने 4 मासूम बच्चों की पूरी जिंदगी तबाह करदी। थैलेसीमिया जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे चार छोटे-छोटे बच्चे ब्लड बैंक की लापरवाही से HIV संक्रमित हो गए। आरोप है कि 4 बच्चों को गलती से HIV संक्रमित खून चढ़ा दिया गया। ये बच्चे पहले से ही हर महीने खून चढ़वाने के लिए मजबूर थे, लेकिन अस्पताल की घोर लापरवाही ने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए अंधेरे में धकेल दिया।

यह लापरवाही करीब चार महीने पहले हुई, जिसकी जानकारी अब सामने आई है। ब्लड बैंक में रक्त लेने से पहले HIV, हेपेटाइटिस B, C सहित कई जरूरी जांचें अनिवार्य होती हैं, लेकिन सतना जिला अस्पताल ने इस पूरी प्रक्रिया को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि कम से कम चार यूनिट खून HIV पॉजिटिव निकला और मासूमों के शरीर में पहुंच गया।

माता-पिता सदमे में

अपने मासूमों की जिंदगी को अंधेरे में जाता देख अब माता-पिता सदमे में हैं। एक बच्चे के पिता ने बताया कि “पहले से ही थैलेसीमिया का इलाज महंगा और तकलीफदेह था, अब HIV का आजीवन बोझ जुड़ गया।” इन बच्चों को अब एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) भी लेनी पड़ेगी। ये थेरेपी एचआईवी को शरीर में बढ़ने से रोकती है, जिससे वायरस का स्तर कम होता है। हालांकि, HIV एक लाइलाज बीमारी है।

डोनर का अभी तक नहीं पता

सबसे चिंता की बात यह है कि अभी तक उन डोनर्स का पता नहीं चल सका है, जिनका खून संक्रमित था। डोनर चेन की तुरंत ट्रेसिंग होनी चाहिए थी, लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन, ब्लड बैंक और ICTC सेंटर की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। आशंका है कि इसी ब्लड बैंक से खून ले चुके अन्य मरीज, खासकर गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु भी खतरे में हो सकते हैं।

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जांच के लिए टीम गठित

मध्य प्रदेश के डिप्टी CM और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने रिपब्लिक से बात करते हुए इस लापरवाही पर दुख जताया। उन्होंने जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित कर दी गई है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 16 December 2025 at 16:23 IST