अपडेटेड 8 June 2024 at 20:35 IST
नेहा सिंह राठौर की याचिका खारिज, पेशाब की घटना पर कार्टून बनाने का मामला
नेहा सिंह राठौर की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘‘इस अदालत का विचार है कि हस्तक्षेप करने का कोई मामला नहीं बनता है। आवेदन को खारिज किया जाता है।
- भारत
- 2 min read

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राज्य में चर्चित पेशाब की घटना के बाद एक कार्टून साझा करने पर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी। यह प्राथमिकी पिछले साल नौ जुलाई को छतरपुर के एक पुलिस थाने में एक कार्टून साझा करने पर दर्ज की गई। इस कार्टून में एक अर्धनग्न व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर पेशाब करता हुआ दिख रहा है, जबकि एक खाकी हाफ पैंट फर्श पर पड़ी हुई दिखाई दे रहा है और काली टोपी तथा सफेद शर्ट पहने हुए एक व्यक्ति भी दिखाई दे रहा है।
राठौर की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति जी एस अहलूवालिया ने 15 मई के अपने आदेश में कहा, ‘‘इस अदालत का विचार है कि हस्तक्षेप करने का कोई मामला नहीं बनता है। आवेदन को खारिज किया जाता है।’’ उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि आवेदक द्वारा अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ और ‘इंस्टाग्राम’ खाते पर साझा किया गया कार्टून, उस घटना के अनुरूप नहीं था और आवेदक ने अपनी मर्जी से कुछ अतिरिक्त चीजें जोड़ीं।
'इसे व्यंग्य नहीं कहा जा सकता'
अदालत के आदेश में जोर दिया गया, ‘‘अदालत का विचार है कि यह नहीं कहा जा सकता कि आवेदक ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करते हुए कार्टून साझा किया था। हालांकि एक कलाकार को व्यंग्य के माध्यम से आलोचना करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन कार्टून में किसी विशेष पोशाक को जोड़ना व्यंग्य नहीं कहा जा सकता है।’’
राठौर ने यह कार्टून तब साझा किया था जब पुलिस ने सीधी निवासी प्रवेश शुक्ला को एक आदिवासी व्यक्ति पर कथित रूप से पेशाब करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया था। विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि शुक्ला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ा हुआ है।
Advertisement
Advertisement
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 8 June 2024 at 20:35 IST