अपडेटेड 7 April 2025 at 19:26 IST

दमोह में ऑपरेशन के बाद 7 मरीज की मौत मामले में फर्जी डॉक्टर पुलिस हिरासत में, लंदन से आने का किया था दावा

Damoh Heart Surgery : फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा हार्ट सर्जरी के बाद 7 मरीजों की मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को हिरासत में ले लिया है।

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दमोह का फर्जी डॉक्टर पुलिस हिरासत में | Image: X

Damoh Heart Surgery : जिस डॉक्टर को हम भगवान का दर्जा देते हैं और आंख बंद कर विश्वास करते हैं। अगर वही डॉक्टर मौत का सौदागर बन जाए, फर्जी डिग्री के आधार पर इलाज करने लगे तो इसका नतीजा बेहद खतरनाक होता है। ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के दमोह से सामने आया है। आरोप है कि यहां ईसाई मिशनरी अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर अपनी पहचान बदलकर लोगों का इलाज करता रहा। ढाई महीनें में उसने 15 ऑपरेशन कर डाले। 

इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट से हार्ट सर्जरी कराने के बाद के बाद 7 मरीजों की मौत का आरोप है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करली है। इस मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। दमोह पुलिस ने आरोपी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम (नरेंद्र यादव) को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हिरासत में ले लिया है। मानव अधिकार आयोग की टीम ने मिशन हॉस्पिटल पहुंचकर स्टॉफ से भी पूछताछ की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को भी हॉस्पिटल बुलाया गया है। 

लंदन का हार्ट स्पेशलिस्ट बताता था

दमोह के मिशन अस्पताल में ये फर्जी डॉक्टर पहचान बदलकर काम कर रहा था। नरेंद्र यादव डॉ. एनजोन केम के नाम से प्रैक्टिस कर रहा था। खुद को लंदन का हार्ट स्पेशलिस्ट बताकर उसने पिछले ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन कर डाले, जिसमें 7 मरीजों की मौत हो गई। जांच में फर्जी डॉक्टर के दस्तावेज सही नहीं पाए गए हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और NHRC ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अपनी करतूत का खुलासा होने के बाद से डॉ. नरेंद्र यादव फरार चल रहा था। स्थानीय व्यक्ति ने NHRC में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें गलत इलाज के कारण मरीजों की मौत का आरोप लगाया था। दावा किया कि मौत की सूचना थाने को नहीं दी गई और बिना पोस्टमार्टम के शव परिजनों को सौंप दिया गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद FIR दर्ज कराई गई थी।

हैदराबाद में भी केस

जांच में खुलासा हुआ कि इ्स फर्जी डॉक्टर के खिलाफ हैदराबाद में भी एक केस दर्ज है। छत्तीसगढ़ के हॉस्पिटल में भी इसने ऑपरेशन किए थे। इन ऑपरेशन में भी कई मरीजों की मौत हुई थी। डॉक्टर के पास कार्डियोलॉजिस्ट की मान्यता नहीं है, मध्य प्रदेश मेडिकल बोर्ड में भी रजिस्टर्ड नहीं है। इसके बाद भी वो धड़ल्ले से लोगों का इलाज करता रहा।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 7 April 2025 at 18:50 IST