अपडेटेड 8 April 2025 at 16:35 IST
8 लाख रुपये महीना सैलरी और होटल का रूम नंबर 105 ठिकाना, लग्जरी लाइफ जीता था दमोहा का फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन
दमोह के मिशन अस्पताल में ये फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन पहचान बदलकर काम कर रहा था। खुदको लंदन का हार्ट स्पेशलिस्ट बताकर ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन कर डाले।
- भारत
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Damoh Fake Doctor : 'एमपी अजब है, सबसे गजब है...' मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग का ये स्लोगन दमोह में सार्थक साबित हो गया है। यहां फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र जॉन कैम लोगों की हार्ट सर्जरी करता रहा और किसी को कानों-कानों खबर तक नहीं लगी। मामले का खुलासा उस वक्त हुए जब इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट से हार्ट सर्जरी कराने के बाद 7 लोगों ने दम तोड़ दिया।
एमपी पुलिस ने आरोपी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को यूपी के प्रयागराज से गिरफ्तार कर दमोह ले आई है। कोर्ट ने आरोपी को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। कोर्ट में जब उससे सवाल पूछे गए तो वो कुछ नहीं बोला। कोर्ट से निकलते समय वकीलों का गुस्सा आरोपी पर फूट पड़ा। वकीलों और स्थानीय लोगों ने उसके साथ मारपीट करने की कोशिश की और जमकर धक्कामुक्की हुई।
15000 हार्ट सर्जरी करने का दावा
आरोपी डॉक्टर नरेंद्र जॉन के सभी मेडिकल दस्तावेज फर्जी हैं। दमोह में इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने 15 मरीजों की हार्ट सर्जरी की जिसमें से 7 ने दम तोड़ दिया। लेकिन अगर जांच हो तो ये आंकड़ा अधिक हो सकता है। डॉक्टर ने खुद अपने ब्लॉग में दावा कि किया वो 1999 से अब तक 15000 हार्ट सर्जरी कर चुका है। जानकारी के मुताबिक फर्जी डिग्री वाला ये डॉक्टर दमोह , नरसिंहपुर और छत्तीसगढ़ समेत देश के कई हॉस्पिटल में रह चुका है। अब सवाल ये है कि क्या दमोह पुलिस सभी केस को अंडर इन्वेस्टिगेशन लेगी?
लंदन का हार्ट स्पेशलिस्ट बताता था
दमोह के मिशन अस्पताल में ये फर्जी डॉक्टर पहचान बदलकर काम कर रहा था। उसने खुदको लंदन का हार्ट स्पेशलिस्ट बताकर पिछले ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन कर डाले, जिसमें 7 मरीजों की मौत हो गई। जांच में उसके सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। वहीं इस मामले में मानव अधिकार आयोग की टीम भी जांच कर रही है। NHRC की टीम पुलिस के साथ मिशन अस्पताल पहुंची... दमोह के CMHO मुकेश जैन को भी अस्पताल बुलाया गया। इस दौरान जब जांच में देरी को लेकर CMHO से रिपब्लिक भारत ने सवाल किए, तो वो सवालों से भागते नजर आए।
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8 लाख रुपये महीना सैलरी
दमोह के मिशन हॉस्पिटल में काम करने वाला ये फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन लग्जरी लाइफ जीता था। होटल के लग्जरी रूम में रुकता था, उसकी महीने की सैलरी 8 लाख रुपये थी। वो दमोह में होटल उत्सव विलास के रूम नंबर 105 में रुका था। होटल के रजिस्टर में उसकी एंट्री भी है, जिसमें चेक इन 6 जनवरी और चेक आउट 12 फरवरी का है। होटल का करीब 50 हजार का पेमेंट मिशन हॉस्पिटल ने चेक के जरिए किया था।
होटल के मैनेजर ने रिपब्लिक भारत को बयाता कि डॉक्टर का स्वभाव गुस्से वाला था। वो किसी को भी रूम के अंदर नहीं आने देता था। अगर वेटर भी रूम के अंदर चला जाता था, तो वो उसे भी डांटता था।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 8 April 2025 at 16:35 IST