अपडेटेड 19 August 2025 at 14:30 IST
वो जिंदा है लेकिन कहां है? ट्रेन से लापता लड़की के मामले में नया ट्विस्ट, 13 दिन बाद अर्चना तिवारी ने मां को किया फोन तो मचा हड़कंप
मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली अर्चना तिवारी के चलती ट्रेन से रस्यमयी तरीके से लापता होने के मामले में 13 दिन बाद नया मोड़ आया है।
- भारत
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मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली अर्चना तिवारी के चलती ट्रेन से रस्यमयी तरीके से लापता होने के मामले में 13 दिन बाद नया मोड़ आया है। अर्चना के परिवार ने दावा किया है कि अर्चना सकुशल है और उसने आज ही फोन पर बात की है। अर्चना की बातचीत उसकी मां से हुई। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सकता है कि अर्चना कहां से कॉल किया था। आपको बता दें कि इससे पहले अर्चना के घरवालों ने मानव तस्करी और किसी अनहोनी की आशंका जताई थी। इस कॉल से एक चीज तो साफ हो गया है कि अर्चना जिंदा है और सकुशल है।
गौरतलब है कि 7 अगस्त को इंदौर से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होने के बाद अर्चना रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थी। उसकी आखिरी लोकेशन भोपाल में मिली थी। अर्चना 7 अगस्त को सीसीटीवी में हॉस्टल से निकलते दिखी, उस वक्त वो फोन पर बात करती हुई नजर आई। वहां से निकलकर वो नर्मदा एक्सप्रेस में एसी बी3 कोच में बैठी, सीट नंबर 3 पर उसका सामान भी मिला लेकिन अर्चना नहीं मिली।
पुलिस कांस्टेबल ने बुक किया था टिकट
इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है कि अर्चना का ट्रेन टिकट ग्वालियर के एक पुलिस कांस्टेबल ने बुक किया था। इसके आधार पर रेलवे पुलिस (GRP) ने ग्वालियर जिले के भंवरपुरा थाना पहुंचकर संबंधित कांस्टेबल से पूछताछ शुरू कर दी है। GRP को इस बात के सबूत मिले हैं कि अर्चना का टिकट उसी कांस्टेबल ने बुक किया गया था।
लेकिन राम तोमर बता रहा है कि अर्चना ग्वालियर नहीं आई। ग्वालियर में ही पदस्थ एक हवलदार की बेटी से भी अर्चना की दोस्ती का पता चला है। अर्चना उसके पास आई थी। हालांकि तलाश में लगी टीम इनकार कर रही है। जबलपुर जीआरपी की टीम के घाटीगांव एसडीओपी शेखर दुबे की टीम भी तलाश में लगी है।
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सर्च ऑपरेशन में लगी वन विभाग की टीम
जीआरपी पुलिस के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल की टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं। युवती की तलाश में विशेष सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके साथ सर्च टीम लोकल पुलिस और वन विभाग के साथ छानबीन कर रही है। दो दिनों के सर्च में बुधनी , मिड घाट , चोका, बरखेड़ा तक सर्च किया गया। दूसरे दिन की कार्रवाई में मिसरौद से लेकर बरखेड़ा तक ऑपरेशन चलाया गया। 48 घाटों के सर्च ऑपरेशन में अर्चना तिवारी का कोई भी सुराग नहीं मिला है। इस दोनों स्टेशनों की बीच की दूरी 35 से 36 किलोमीटर की है। इसके साथ पांचों स्टेशन की बात करें तो कुल 55 किलोमीटर है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 19 August 2025 at 14:30 IST