अपडेटेड 19 August 2025 at 12:03 IST

बिहार की राजनीति में कुछ तो होने वाला है! चुनाव से पहले BJP के इस बड़े नेता से मिले पवन सिंह; फोटो डाल लिखा- नई सोच के साथ, नई मुलाकात

पवन सिंह के सामने इस समय दो रास्ते हैं. पहला, वे स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीति को आगे बढ़ाएं और भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रियता का इस्तेमाल कर एक अलग राजनीतिक पहचान बनाएं।

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बिहार की राजनीति में कुछ तो होने वाला है! चुनाव से पहले BJP के इस बड़े नेता से मिले पवन सिंह; फोटो डाल लिखा- नई सोच के साथ, नई मुलाकात | Image: X

Pawan Singh: भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार और बीते लोकसभा चुनाव से राजनीतिक सुर्खियों में आए पवन सिंह ने सोमवार को नई दिल्‍ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर खुद पवन सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “एक नई सोच के साथ, एक नई मुलाकात''। बिहार चुनाव से ठीक पहले हुए इस मुलाकात को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव मे कुछ तो बड़ा और नया होने वाला है।

सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में भी अलग से 5 मिनट तक वार्ता हुई। आरके सिंह और पवन सिंह के बीच क्या वार्ता हुई, यह अभी पता नहीं चल सका है। बता दें कि पवन सिंह का सियासी इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इसके बाद उन्होंने बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। उनकी इस बगावत के चलते बीजेपी ने उन्हें 22 मई 2024 को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

पवन सिंह पहले ही दे चुके हैं विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत

आरके सिंह, जो नरेंद्र मोदी की पिछली कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं, 2024 लोकसभा चुनाव में आरा से हार गए। उन्हें सीपीआई (माले) के प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने लगभग 60 हजार वोटों के अंतर से हराया। ऐसे में उनकी भी राजनीतिक रणनीति में बदलाव की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के जरिए पवन सिंह और आरके सिंह के बीच राजनीतिक तालमेल और आगामी रणनीति पर चर्चा हो सकती है। पवन सिंह पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं, और उनकी पत्नी ज्योति सिंह भी सक्रिय रूप से चुनावी तैयारी में लगी हैं। कुछ समय पहले पवन सिंह को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन यह मुलाकात इशारा करती है कि उनका अगला राजनीतिक ठिकाना कुछ और हो सकता है संभवतः भाजपा में वापसी।

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पवन सिंह और राजनीतिक समीकरण

पवन सिंह के सामने इस समय दो रास्ते हैं. पहला, वे स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीति को आगे बढ़ाएं और भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रियता का इस्तेमाल कर एक अलग राजनीतिक पहचान बनाएं। दूसरा, वे किसी बड़े दल—विशेषकर भाजपा—के साथ जुड़कर अपनी स्थिति को और मजबूत करें। भाजपा को भी यह समझ है कि पवन सिंह जैसे चेहरे, जिनकी लोकप्रियता गांव-गांव तक है और जो सोशल मीडिया पर भी असर रखते हैं, पार्टी के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं। अगर भाजपा पवन सिंह को फिर से अपने साथ जोड़ लेती है तो न सिर्फ आरा, बल्कि पूरे भोजपुर इलाके में चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 19 August 2025 at 12:03 IST